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कर्नाटक: 'सेक्स सीडी' कांड में रमेश जारकीहोली पहले नेता नहीं, लंबी है फेहरिस्त

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Published : Mar 4, 2021, 8:36 PM IST

भाजपा विधायक रघुपति भट और एसए रामदास भी इसी तरह के विवादों में शामिल थे. उनके कथित यौन घोटाले की भी सीडी जारी हुई थी. 2013 के विधानसभा चुनावों में रघुपति भट को कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद माधवराज ने हरा दिया था.

Saga of CD Controversies
कर्नाटक के मंत्री रमेश जारकीहोली की सेक्स सीडी कांड

बेंगलुरु: कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद उनका कथित विडियो सामने आया है. इस वीडियो में वह एक महिला के संग दिखाई दे रहे हैं. इस विडियो के वायरल होने के बाद से राज्य में सियासी घमासान मच गया है. आरोप लगने के बाद रमेश जारकीहोली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है.

बता दें. यह पहला मौका नहीं है जब किसी राजनेता पर इस तरह के आरोप लगे हों और राजनीति ना गर्माई हो. सेक्स, सीडी और सियासत का यह दौर काफी पुराना है. इसकी जद में कई सफेदपोश आ चुके हैं. आज ऐसे ही कुछ राजनेताओं के काले कारनामे आपको बता रहे हैं, जिससे भारतीय राजनीति का चेहरा शर्म से झुक गया है.

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों सरकारों के मंत्री ऐसे स्कैंडल में पहले भी फंस चुके हैं. विधानसभा में सत्र के दौरान पॉर्न वीडियो देखने और सेक्स स्कैंडल में कथित संलिप्तता के बाद दोनों सरकारों के मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. जिसमें कुछ राजनेता स्वच्छ होकर राजनीति में वापस आए और उनमें से कुछ ने सार्वजनिक जीवन को अलविदा तक कह दिया है.

सेक्स स्कैम- मंत्रियों की लिस्ट

एचवाई मेटी, लक्ष्मण सावदी, जे कृष्णा पालेमर, सीसी पाटिल, हरथल हलप्पा कथित रूप से सेक्स स्कैंडल में शामिल थे और उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था. कथित सेक्स स्कैम में शामिल होने के बाद सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में मंत्री एचवाई मेटी ने भी इस्तीफा दिया था. बाकी के भाजपा सरकार में मंत्री थे. हरथल हलप्पा बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट में पहले ऐसे मंत्री थे, जिन्होंने अपने दोस्त की पत्नी के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था.

इसके बाद में हलप्पा को कथित दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया गया और उन्हें 2018 के चुनावों में सागर विधानसभा से फिर से चुना गया था. बता दें, राज्य में हरथल हलप्पा ऐसे पहले मंत्री थे, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था.

2012 में भाजपा के तीन मंत्रियों लक्ष्मण सावदी, जे कृष्णा पालेमर और सीसी पाटिल को विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल पर अश्लील क्लिप देखते हुए पकड़ा गया था. इसके बाद तीन मंत्रियों ने डीवी सदानंद गौड़ा मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. दिलचस्प बात यह है कि लक्ष्मण सावदी तत्कालीन येदियुरप्पा कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री थे और सीसी पाटिल कैबिनेट मंत्री थे. वहीं, पालेमर को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद से वे अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं.

एचवाई मेटी सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में आबकारी मंत्री थे, उनकी कथित सेक्स स्कैंडल वायरल होने के बाद उन्हें अस्पताल में दैनिक मजदूरी करने वाली महिलाओं के साथ समझौता करने की स्थिति में पाया गया था. दिल्ली में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने एचवाई मेटी की सीडी जारी की थी, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कार्रवाई करते हुए एचवाई मेटी का इस्तीफा ले लिया था. बाद में महिलाओं ने एचवाई मेटी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, लेकिन उन्होंने अपने ही बयान का विरोधाभास किया. इस संबंध में सीआईडी जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन बाद में मूल सीडी गायब हो गई और एचवाई मेटी आरोपों से बरी हो गए.

भाजपा विधायक रघुपति भट और एसए रामदास भी इसी तरह के विवादों में शामिल थे. उनके कथित यौन घोटाले की भी सीडी जारी हुई थी. 2013 के विधानसभा चुनावों में रघुपति भट को कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद माधवराज ने हरा दिया था. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनावों में रघुपति भट को उडुपी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया. प्रेमाकुमारी ने पूर्व मंत्री एसए रामदास के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, दोनों के बीच जो टेलीफोन पर बात हुई थी उसको टीवी चैनलों में बार-बार प्रसारित किया गया, लेकिन भाजपा पूरी तरह से रामदास का समर्थन कर रही थी और वह पार्टी के मौजूदा विधायक हैं.

पढ़ें: बेंगलुरु के एडीजीपी की फेसबुक आईडी हैक, लोगों से मांगे पैसे

2019 में बीजेपी विधायक और येदियुरप्पा कैबिनेट के मौजूदा मंत्री अरविंदा लिंबावली के खिलाफ भी सीडी जारी की गई थी. उनके कथित अप्राकृतिक यौन कृत्य को बड़ी खबर बना दिया गया. बाद में उनको कथित आरोपों से बरी कर दिया और पार्टी ने लिंबावली को मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद दिया. जारकीहोली ने अब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. जनता और नेताओं ने इसकी गहन जांच की मांग की है. जारकीहोली और भाजपा के समर्थकों के अनुसार उनके राजनीतिक भविष्य को समाप्त करने के लिए उनके खिलाफ जाल बिछाया गया है.

बेंगलुरु: कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद उनका कथित विडियो सामने आया है. इस वीडियो में वह एक महिला के संग दिखाई दे रहे हैं. इस विडियो के वायरल होने के बाद से राज्य में सियासी घमासान मच गया है. आरोप लगने के बाद रमेश जारकीहोली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है.

बता दें. यह पहला मौका नहीं है जब किसी राजनेता पर इस तरह के आरोप लगे हों और राजनीति ना गर्माई हो. सेक्स, सीडी और सियासत का यह दौर काफी पुराना है. इसकी जद में कई सफेदपोश आ चुके हैं. आज ऐसे ही कुछ राजनेताओं के काले कारनामे आपको बता रहे हैं, जिससे भारतीय राजनीति का चेहरा शर्म से झुक गया है.

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों सरकारों के मंत्री ऐसे स्कैंडल में पहले भी फंस चुके हैं. विधानसभा में सत्र के दौरान पॉर्न वीडियो देखने और सेक्स स्कैंडल में कथित संलिप्तता के बाद दोनों सरकारों के मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. जिसमें कुछ राजनेता स्वच्छ होकर राजनीति में वापस आए और उनमें से कुछ ने सार्वजनिक जीवन को अलविदा तक कह दिया है.

सेक्स स्कैम- मंत्रियों की लिस्ट

एचवाई मेटी, लक्ष्मण सावदी, जे कृष्णा पालेमर, सीसी पाटिल, हरथल हलप्पा कथित रूप से सेक्स स्कैंडल में शामिल थे और उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था. कथित सेक्स स्कैम में शामिल होने के बाद सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में मंत्री एचवाई मेटी ने भी इस्तीफा दिया था. बाकी के भाजपा सरकार में मंत्री थे. हरथल हलप्पा बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट में पहले ऐसे मंत्री थे, जिन्होंने अपने दोस्त की पत्नी के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था.

इसके बाद में हलप्पा को कथित दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया गया और उन्हें 2018 के चुनावों में सागर विधानसभा से फिर से चुना गया था. बता दें, राज्य में हरथल हलप्पा ऐसे पहले मंत्री थे, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था.

2012 में भाजपा के तीन मंत्रियों लक्ष्मण सावदी, जे कृष्णा पालेमर और सीसी पाटिल को विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल पर अश्लील क्लिप देखते हुए पकड़ा गया था. इसके बाद तीन मंत्रियों ने डीवी सदानंद गौड़ा मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. दिलचस्प बात यह है कि लक्ष्मण सावदी तत्कालीन येदियुरप्पा कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री थे और सीसी पाटिल कैबिनेट मंत्री थे. वहीं, पालेमर को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद से वे अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं.

एचवाई मेटी सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में आबकारी मंत्री थे, उनकी कथित सेक्स स्कैंडल वायरल होने के बाद उन्हें अस्पताल में दैनिक मजदूरी करने वाली महिलाओं के साथ समझौता करने की स्थिति में पाया गया था. दिल्ली में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने एचवाई मेटी की सीडी जारी की थी, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कार्रवाई करते हुए एचवाई मेटी का इस्तीफा ले लिया था. बाद में महिलाओं ने एचवाई मेटी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, लेकिन उन्होंने अपने ही बयान का विरोधाभास किया. इस संबंध में सीआईडी जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन बाद में मूल सीडी गायब हो गई और एचवाई मेटी आरोपों से बरी हो गए.

भाजपा विधायक रघुपति भट और एसए रामदास भी इसी तरह के विवादों में शामिल थे. उनके कथित यौन घोटाले की भी सीडी जारी हुई थी. 2013 के विधानसभा चुनावों में रघुपति भट को कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद माधवराज ने हरा दिया था. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनावों में रघुपति भट को उडुपी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुना गया. प्रेमाकुमारी ने पूर्व मंत्री एसए रामदास के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए, दोनों के बीच जो टेलीफोन पर बात हुई थी उसको टीवी चैनलों में बार-बार प्रसारित किया गया, लेकिन भाजपा पूरी तरह से रामदास का समर्थन कर रही थी और वह पार्टी के मौजूदा विधायक हैं.

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2019 में बीजेपी विधायक और येदियुरप्पा कैबिनेट के मौजूदा मंत्री अरविंदा लिंबावली के खिलाफ भी सीडी जारी की गई थी. उनके कथित अप्राकृतिक यौन कृत्य को बड़ी खबर बना दिया गया. बाद में उनको कथित आरोपों से बरी कर दिया और पार्टी ने लिंबावली को मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद दिया. जारकीहोली ने अब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. जनता और नेताओं ने इसकी गहन जांच की मांग की है. जारकीहोली और भाजपा के समर्थकों के अनुसार उनके राजनीतिक भविष्य को समाप्त करने के लिए उनके खिलाफ जाल बिछाया गया है.

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