चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल यूनाइटेड ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करनाल में किसानों को मारने के मुद्दे पर घेरना चाहा, जिसके लिए वे मनोहर लाल खट्टर के आवास तक पहुंच गए. हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग करके कार्यकर्ताओं को रोक दिया, जहां उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
शिरोमणि अकाली दल यूनाइटेड के महासचिव करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने कहा, करनाल के किसानों को हरियाणा सरकार और पुलिस ने प्रताड़ित किया और आज जब हम हरियाणा के मुख्यमंत्री को घेरना चाहते हैं तो हमें भी चंडीगढ़ पुलिस प्रताड़ित कर रही है. उन्होंने कहा, हमारी पगड़ी उतारी जा रही है.
करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने कहा, पुलिसकर्मी भी हमारे बच्चे हैं, किसानों के बच्चे हैं लेकिन फिर भी हमें रोका जा रहा है. लोकतंत्र में हमें न तो संसद में बोलने की अनुमति है और न ही विधानसभा में. ये सरकारें चुप करवाना चाहती हैं. एक तरफ केंद्र सरकार में दरिंदे बैठे हैं तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने फार्म हाउस में आराम कर रहे हैं.
पूर्व वित्त मंत्री और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा, सुखबीर बादल किसी के सामने नहीं झुकना चाहते....उन्होंने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया लेकिन उन्हें किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है, क्योंकि यह लोग हैं, हम उनके सामने झुकते हैं और उनके साथ कोई टकराव नहीं होना चाहिए. मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो कुछ भी किया जा रहा है, उन्होंने केवल किसान संगठनों की मांगों के बावजूद अपना कार्यक्रम स्थगित किया है, कैंसल नहीं, यह केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये लोग किसानों को हितैषी नहीं मानते हैं. अब एक साल हो गया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आंखें मूंद ली हैं और इन सभी सरकारों को इस पूरे संघर्ष की कीमत चुकानी पड़ेगी.
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उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे में चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जब किसानों पर लाठीचार्ज करते हैं तो खुद को किसान हितैषी कैसे कह सकते हैं, बादल परिवार खुद को किसान हितैषी कैसे कह सकता है जबकि पहले तो उन्होंने कृषि कानून को अपनी सहमति दी थी और अब अकाली दल कह रहे थे कि उनके वाहनों में तोड़फोड़ की जा रही है और इसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हैं.