चंडीगढ़: पंजाब में ड्रग्स का मुद्दा बेहद गंभीर बना हुआ है, जिसमें अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया का नाम जुड़ा है. इसे लेकर एसआईटी अपनी जांच कर रही है. शनिवार को शिरोमणि अकाली दल के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया फिर से एसआईटी के सामने पेश हुए है. जहां उनसे सवाल जवाब किए जा रहे हैं और मजीठिया पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
मजीठिया तीसरी बार एसआईटी के सामने पेश हुए : बिक्रम मजीठिया आज तीसरी बार एसआईटी के सामने पेश होने के लिए पटियाला पहुंचे. यहां एसआईटी ने कई घंटे तक पूछताछ की. उन्हें 27 दिसंबर को पेश होने का नोटिस भी जारी किया गया था. जिस पर उन्होंने दस्तावेजों की कमी के कारण पेशी से छूट मांगी थी. जबकि इससे पहले 18 दिसंबर को बिक्रम मजीठिया से 7 घंटे तक पूछताछ की गई थी. इसमें उनसे कुछ जवाब मांगे गए.
दूसरी ओर, एसआईटी प्रमुख एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना, जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, मामले को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के कयास लगाए जा रहे हैं.
'दबाव में काम कर रही एसआईटी' : इस मौके पर बिक्रम मजीठिया ने कहा कि वह कानून प्रेमी और कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने एडीजीपी छीना के रिटायरमेंट लेटर की कॉपी दिखाते हुए कहा कि 'एक तरफ रिटायरमेंट पार्टी है और दूसरी तरफ उन्हें पेशी पर बुलाया गया है. जिससे साबित होता है कि एसआईटी दबाव में काम कर रही है.' बिक्रम मजीठिया ने कहा कि 'शहीदी सप्ताह मेल का जिक्र करने के बावजूद एसआईटी ने उन्हें 27 दिसंबर को पेश होने का नोटिस जारी किया था.'
बिक्रम मजीठिया ने कहा कि 'हाईकोर्ट के आदेश में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि मुझे बार-बार एसआईटी के सामने पेश होना होगा लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी के तौर पर पेश हो रहा हूं, क्योंकि उन्होंने अभी भी मेरे खिलाफ किसी झूठे मामले में मुझे फंसाने की कोशिश करना जारी रखा है.'
मजीठिया ने कहा कि 'एसआईटी चीफ रिटायर हो रहे हैं और अगर उन्हें मेरी गिरफ्तारी के बदले सरकार से कोई पैकेज मिलता है तो वह इसे खुशी से ले सकते हैं.' उन्होंने कहा कि 'अगर मुख्यमंत्री में इतनी हिम्मत है तो उन्हें खुद एसआईटी का अगला प्रमुख बनना चाहिए ताकि मामला सुलझ जाए.'
कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुआ था मामला: मजीठिया के खिलाफ पुलिस ने 20 दिसंबर 2021 को कांग्रेस सरकार के दौरान मामला दर्ज किया था. 5 महीने जेल में रहने के बाद 10 अगस्त 2022 को मजीठिया को जमानत मिल गई. मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में हैं, उसमें अभी तक कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है. उनके खिलाफ यह अनोखा एनडीपीएस मामला है, जिसमें पुलिस ने कोई बरामदगी नहीं की है.