मुंबई : मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक मामले से सुर्खियों में आए महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी सचिन वाजे (बर्खास्त) ने बंबई उच्च न्यायालय में अपनी याचिका बिना शर्त वापस ले ली. उन्होंने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित पैनल के दो आदेशों को चुनौती दी थी.
न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार (Justice Gautam Patel and Justice Madhav Jamdar) ने मंगलवार को इस मामले में तथ्यों को दबाने और याचिका में सभी दस्तावेज जमा नहीं करने के लिए पूर्व पुलिसकर्मी वाजे के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी. पीठ ने कहा था कि वाजे की याचिका के साथ चांदीवाल आयोग को दिया गया हलफनामा संलग्न नहीं है.
चांदीवाल आयोग के फैसले को चुनौती
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और सचिन वाजे व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत और एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक मामले (Antilia bomb scare) के बाद विवादों में घिरे. फिलहाल, सचिन वाजे जेल में हैं. वाजे ने अपनी याचिका में चांदीवाल आयोग द्वारा पारित दो आदेशों की 'वैधता, मान्यता और औचित्य' को चुनौती दी थी और इन्हें रद्द करने का अनुरोध किया था.
वाजे ने याचिका वापस ली
इससे पहले उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि वह कोई राहत नहीं देना चाहता, जिसके बाद वाजे ने अपनी याचिका वापस ले ली. अदालत ने वाजे के वकील अनिल अंतुरकर से अपने मुवक्किल से इस मामले में निर्देश लेने को कहा था कि क्या वह याचिका वापस लेने के इच्छुक हैं.
वाजे ने बिना शर्त वापस ली याचिका
न्यायमूर्ति पटेल ने कहा था, 'यदि वह (वाजे) इसे वापस नहीं लेना चाहते, तो हम इसे कुछ टिप्पणियों के साथ खारिज कर देंगे.' जब बुधवार को यह मामला सुनवाई के लिए अदालत के सामने आया, तो अंतुरकर ने सूचित किया कि वाजे बिना शर्त याचिका वापस ले रहे हैं. अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया.
यह भी पढ़ें- देशमुख के खिलाफ ईडी के मामले में सरकारी गवाह बनना चाहता है वाजे
चांदीवाल आयोग से देशमुख को झटका
पैनल के पहले आदेश ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारम्बे को जांच के लिए बुलाने का वाजे का अनुरोध ठुकरा दिया था, जबकि दूसरे आदेश में, आयोग ने उन्हें देशमुख के खिलाफ अपने पहले के बयान को वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
(पीटीआई)