नई दिल्ली: ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होंगे. मंत्रियों का यह सम्मेलन 'इस्तांबुल प्रोसेस' का एक हिस्सा है जो कि अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के लिए सहयोग और सुरक्षा पर की गई एक पहल है और इसकी शुरुआत दो नवंबर 2011 को तुर्की में हुई थी.
वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में मंगलवार को होने वाले 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के लिए अभी तक कोई बैठक न तय है और न ही इसका कोई प्रस्ताव दिया गया है. सम्मेलन में दोनों मंत्रियों के शामिल होने की खबर से उनकी मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं.
भारत और पाकिस्तान द्वारा पर्दे के पीछे से राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली के प्रयास के बारे में मीडिया में आई खबरों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जयशंकर ने सम्मेलन में कुरैशी से मुलाकात करने के बारे में भी पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया था.
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उन्होंने 26 मार्च को नयी दिल्ली में आयोजित 'इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव' में कहा था कि मेरा कार्यक्रम बन रहा है. मुझे नहीं लगता कि अभी तक ऐसी किसी बैठक की योजना बनी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि जयशंकर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान अन्य देशों के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं.