ETV Bharat / bharat

एस जयशंकर से मिले सऊदी अरब के विदेश मंत्री, कल हाेगी PM Modi के साथ बैठक - Prince Faisal bin Farhan

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए सऊदी अरब के अपने समकक्ष के साथ अफगानिस्तान समेत विभिन्न मुद्दाें पर चर्चा की. वहीं साेमवार काे विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे.

विदेश
विदेश
author img

By

Published : Sep 19, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Sep 19, 2021, 10:38 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ अफगानिस्तान में घटनाक्रम सहित कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. अल सऊद तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार शाम को यहां पहुंचे थे.

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान भारत के अपने पहले दौरे पर आए. उनका स्वागत करके प्रसन्नता हुई.’

विदेश मंत्री फरहान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. वह इस यात्रा पर ऐसे वक्त आए हैं जब भारत, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद के घटनाक्रमों को लेकर सभी ताकतवर देशों के संपर्क में है. बताया जाता है कि जयशंकर और अल सऊद के बीच वार्ता का मुख्य विषय अफगानिस्तान में हालात था.

क्षेत्र का एक प्रमुख राष्ट्र होने के नाते काबुल में घटनाक्रमों पर सऊदी अरब का रुख मायने रखता है क्योंकि कतर तथा ईरान समेत खाड़ी क्षेत्र के अनेक देश अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहे थे.

खाड़ी क्षेत्र में भारत अफगानिस्तान में घटनाक्रमों को लेकर संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर और ईरान के साथ संपर्क में है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं हुआ है, लिहाजा नयी व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को सामूहिक और सोच-विचार कर फैसला करना चाहिए.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में यह कहा था.

रविवार काे हुए बैठक में दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और जीसीसी जैसे बहुपक्षीय मंचों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले वर्ष जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए सऊदी अरब को बधाई दी.

विदेश मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय समुदाय को प्रदान की गई सहायता के लिए सऊदी अरब की सराहना की और सऊदी अरब से प्रतिबंधों में और ढील देने का आग्रह किया.

इसे भी पढ़ें : SCO बैठक में पीएम मोदी बोले- कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, अफगानिस्तान बड़ा उदाहरण

आपकाे बता दें कि कोविड -19 महामारी के बाद से सऊदी अरब से भारत की यह पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ अफगानिस्तान में घटनाक्रम सहित कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. अल सऊद तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार शाम को यहां पहुंचे थे.

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान भारत के अपने पहले दौरे पर आए. उनका स्वागत करके प्रसन्नता हुई.’

विदेश मंत्री फरहान सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. वह इस यात्रा पर ऐसे वक्त आए हैं जब भारत, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद के घटनाक्रमों को लेकर सभी ताकतवर देशों के संपर्क में है. बताया जाता है कि जयशंकर और अल सऊद के बीच वार्ता का मुख्य विषय अफगानिस्तान में हालात था.

क्षेत्र का एक प्रमुख राष्ट्र होने के नाते काबुल में घटनाक्रमों पर सऊदी अरब का रुख मायने रखता है क्योंकि कतर तथा ईरान समेत खाड़ी क्षेत्र के अनेक देश अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पहले अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहे थे.

खाड़ी क्षेत्र में भारत अफगानिस्तान में घटनाक्रमों को लेकर संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर और ईरान के साथ संपर्क में है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं हुआ है, लिहाजा नयी व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को सामूहिक और सोच-विचार कर फैसला करना चाहिए.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में यह कहा था.

रविवार काे हुए बैठक में दोनों मंत्रियों ने अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और जीसीसी जैसे बहुपक्षीय मंचों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले वर्ष जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए सऊदी अरब को बधाई दी.

विदेश मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय समुदाय को प्रदान की गई सहायता के लिए सऊदी अरब की सराहना की और सऊदी अरब से प्रतिबंधों में और ढील देने का आग्रह किया.

इसे भी पढ़ें : SCO बैठक में पीएम मोदी बोले- कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, अफगानिस्तान बड़ा उदाहरण

आपकाे बता दें कि कोविड -19 महामारी के बाद से सऊदी अरब से भारत की यह पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा की.

Last Updated : Sep 19, 2021, 10:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.