ETV Bharat / bharat

अगले महीने पूरी होगी एस-400 की पहली रेजीमेंट की तैनाती

भारत ने अमेरिका की धमकी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2018 में रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर की डील पर हस्ताक्षर किया था. रूस से बहुत जल्द एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली (S-400 missile system) मिलने की उम्मीद है.

first-regiment-of-s-400
एस-400 की पहली रेजीमेंट
author img

By

Published : Jan 1, 2022, 8:06 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना द्वारा एस-400 ट्राइम्फ मिसाइल रक्षा प्रणालियों की पंजाब में एक एयरबेस पर तैनाती फरवरी तक (Deployment Of First Regiment Of S-400) पूरी होने की संभावना है. सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिसाइल प्रणाली की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है और तैनाती पूरी होने में और छह हफ्ते का वक्त लगेगा.

मिसाइल प्रणाली की पहली रेजीमेंट की तैनाती इस तरीके से की जा रही है कि इसके दायरे में उत्तरी सेक्टर में चीन से लगी सीमा और पाकिस्तान से लगा सीमांत भी आ जाए. एक अधिकारी ने बताया, 'मिसाइल प्रणाली के विभिन्न महत्वपूर्ण पुर्जों व इसके अन्य उपकरणों का परिवहन तैनाती स्थल तक जारी है.'

रूस से भारत एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की कुल पांच इकाई प्राप्त करेगा.

भारत ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बावजूद अक्टूबर 2018 में रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 किसी भी हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, चाहे वह क्रूज मिसाइल हो या विमान हो, या 10 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को भी निशाना बना लेगा.

यह भी पढ़ें- S-400 भारत के लिए गेम चेंजर, चीन और पाक के लिए चिंताः पीके सहगल

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, S-400 मिसाइल के आने से भारतीय सेना मजबूत होगी और इसके आने से पाक और चीन की चिन्ताएं बढ़ जाएगी क्योंकि S-400 मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और कहा कि पाक के जितने भी एअरफिल्ड है इस रेंज के अन्दर है.

उन्होंने कहा कि पाक S-400 मिसाइल के आने से बैकुफुट पर चला जाएगा और हमारी सेना इस मिसाइल के माध्यम से पाक के एअरबेस का आसानी से सफाया कर सकते हैं.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना द्वारा एस-400 ट्राइम्फ मिसाइल रक्षा प्रणालियों की पंजाब में एक एयरबेस पर तैनाती फरवरी तक (Deployment Of First Regiment Of S-400) पूरी होने की संभावना है. सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिसाइल प्रणाली की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है और तैनाती पूरी होने में और छह हफ्ते का वक्त लगेगा.

मिसाइल प्रणाली की पहली रेजीमेंट की तैनाती इस तरीके से की जा रही है कि इसके दायरे में उत्तरी सेक्टर में चीन से लगी सीमा और पाकिस्तान से लगा सीमांत भी आ जाए. एक अधिकारी ने बताया, 'मिसाइल प्रणाली के विभिन्न महत्वपूर्ण पुर्जों व इसके अन्य उपकरणों का परिवहन तैनाती स्थल तक जारी है.'

रूस से भारत एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की कुल पांच इकाई प्राप्त करेगा.

भारत ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बावजूद अक्टूबर 2018 में रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 किसी भी हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, चाहे वह क्रूज मिसाइल हो या विमान हो, या 10 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को भी निशाना बना लेगा.

यह भी पढ़ें- S-400 भारत के लिए गेम चेंजर, चीन और पाक के लिए चिंताः पीके सहगल

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, S-400 मिसाइल के आने से भारतीय सेना मजबूत होगी और इसके आने से पाक और चीन की चिन्ताएं बढ़ जाएगी क्योंकि S-400 मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और कहा कि पाक के जितने भी एअरफिल्ड है इस रेंज के अन्दर है.

उन्होंने कहा कि पाक S-400 मिसाइल के आने से बैकुफुट पर चला जाएगा और हमारी सेना इस मिसाइल के माध्यम से पाक के एअरबेस का आसानी से सफाया कर सकते हैं.

(एजेंसी इनपुट)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.