नई दिल्ली : भारत के कुछ निजी अस्पतालों ने रूस के स्पूतनिक वी वैक्सीन के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं, क्योंकि सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य टीकों की मुफ्त खुराक की आपूर्ति में वृद्धि हुई है. जानकारी के मुताबिक, स्पूतनिक वी का ऑर्डर तीन बड़े अस्पतालों ने रद्द किया है.
पश्चिमी शहर पुणे में भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र ओसवाल ने कहा कि हमने 2,500 खुराक के लिए अपना ऑर्डर रद्द कर दिया है. क्योंकि इसकी मांग भी अधिक नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग है, मुश्किल से 1 फीसदी लोग हैं जो स्पूतनिक की वैक्सीन लगवाना चाहते है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मई से पिछले सप्ताह तक निजी अस्पतालों ने भारत में प्रशासित सभी टीकों का लगभग 6 फीसदी लगाये हैं. वहीं, सरकार ने उन्हें घरेलू उत्पादन का एक चौथाई तक खरीदने के लिए मुक्त कर दिया था.
भारत स्पूतनिक वी का एक प्रमुख उत्पादन केंद्र है, जिसकी नियोजित क्षमता लगभग 850 मिलियन शॉट्स प्रति वर्ष है. कम घरेलू मांग के चलते वैक्सीन के अधिक हिस्से को निर्यात किया जा सकता है. हालांकि इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोई टिपण्णी नहीं आई है.
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भारतीय वितरक डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने इस वैक्सीन को जून में लॉन्च किया था. इसके बाद से अस्पतालों ने स्पूतनिक वी की महज 943,000 खुराक का लगाई है. हालांकि डॉ रेड्डीज ने इसपर कुछ कहने से मना कर दिया है.
भारत के टीकाकरण अभियान का मुख्य आधार एस्ट्राजेनेका वैक्सीन है, जिसे स्पूतनिक वी के विपरीत नियमित रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है, जिसे -18 डिग्री सेल्सियस (-0.4 डिग्री फ़ारेनहाइट) के तापमान की आवश्यकता होती है, जिसकी गारंटी अधिकांश भारत में असंभव है. निजी बाजार में यह टीका एस्ट्राजेनेका से भी 47% अधिक महंगा है.