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जंग जारी है : गुतारेस जल्द पुतिन से करेंगे मुलाकात, रूस का आरोप- यूक्रेन ने रोकी वार्ता

यूक्रेन में बम और बारूद बरस रहे हैं. अब तक 50 लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं. युद्ध ने उन्हें दूसरे देशों में जाकर शरणार्थी बनने पर मजबूर कर दिया है. 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 5,264 नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि की है, जिसमें 2,345 मौतें शामिल हैं. 58 दिनों से लगातार यूक्रेन जंग की आग में झुलस रहा है. आज जंग का 59वां दिन है और अब तक राहत की कोई खबर नहीं है.

जंग जारी है
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Published : Apr 23, 2022, 7:32 AM IST

Updated : Apr 23, 2022, 7:47 AM IST

कीव : रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहा है. लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के दो महीने बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, रूस ने वार्ता रुकने के लिए युक्रेन को जिम्मेदार ठहराया हैं. इससे पहले, गुतारेस ने इस सप्ताह पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखकर मॉस्को और कीव में उनकी अगवानी करने तथा यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने पर चर्चा करने को कहा था. संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता कार्यालय की ओर से कहा गया है कि गुतारेस 26 अप्रैल को मॉस्को जाएंगे. बयान के मुताबिक, संरा महासचिव रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव के साथ बैठक करेंगे और साथ में भोजन करेंगे. गुतारेस 26 अप्रैल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि भारत, यूक्रेन में शांति पर जोर दे रहा है और चाहता है कि वहां से रूस बाहर निकल जाए. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा के बाद संवाददाताओं से यह बात कही. जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन के बूचा में जो हुआ, उसके खिलाफ मोदी की प्रतिक्रिया काफी मजबूती से सामने आयी और हर कोई रूस के साथ भारत के दशकों पुराने ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करता है. उन्होंने कहा, भारतीय, यूक्रेन में शांति चाहते हैं और चाहते हैं कि रूसी वहां से बाहर निकले और मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं.

यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की डरावनी कहानी सामने आयी है: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से युद्ध अपराधों के सबूत सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मानवीय कानून को दरकिनार कर दिया गया है. मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा, हमारे अब तक के काम में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की एक डरावनी कहानी सामने आयी है. उनके कार्यालय के यूक्रेन स्थित मिशन ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 5,264 नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि की है, जिसमें 2,345 मौतें शामिल हैं. इसने कहा कि उनमें से 92.3 प्रतिशत मामले यूक्रेन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में दर्ज किए गए. कार्यालय सख्त कार्यप्रणाली का उपयोग करता है और लंबे समय से स्वीकार करता रहा है कि इसके पुष्ट आंकड़े वास्तविक संख्या से बहुत कम हैं. बाशेलेट ने कहा, ‘‘वास्तविक संख्या बहुत अधिक होगी’’ जब मारियुपोल जैसे स्थानों से अधिक विवरण सामने आएंगे, जहां भीषण लड़ाई हो रही है. इन आठ हफ्तों में, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को न केवल नजरअंदाज किया गया है, बल्कि एक तरह से दरकिनार कर दिया गया.

उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने आबादी वाले क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलाबारी की और बमबारी की जिनमें नागरिकों की मौत हुई. साथ ही अस्पतालों, स्कूलों और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया - ऐसी कार्रवाई जो युद्ध अपराधों के बराबर हो सकती है. बाशेलेट ने कहा, हमारा अनुमान है कि कम से कम 3,000 नागरिक मारे गए हैं क्योंकि उन्हें इलाज नहीं मिल सका. संयुक्त राष्ट्र मिशन को रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के खिलाफ यौन हिंसा के अब तक 75 आरोप प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश कीव क्षेत्र में हैं. मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रूसी बलों और संबद्ध समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में नागरिकों को हिरासत में लेना "एक व्यापक चलन बन गया है" और अब तक ऐसे 155 मामले दर्ज किए गए हैं.

सैटेलाइट तस्वीरों से मारियुपोल के पास संभावित सामूहिक कब्रों का पता चला : सैटेलाइट तस्वीरों में युद्धग्रस्त यूक्रेन के मारियुपोल शहर के पास सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यह तस्वीरें बृहस्पतिवार को जारी की गयी थीं. (mass graves near mariupol) मारियुपोल के स्थानीय अधिकारियों ने रूस पर शहर की घेराबंदी के दौरान आम लोगों की हो रही हत्याओं को छिपाने के प्रयास के तहत करीब नौ हजार यूक्रेनी नागरिकों को सामूहिक तौर पर दफनाने का आरोप लगाया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मारियुपोल की लड़ाई में जीत का दावा करने के कुछ घंटे बाद ही सैटेलाइट की यह तस्वीरें जारी की गयी हैं. हालांकि, मारियुपोल के एक विशाल स्टील संयंत्र में यूक्रेन के करीब दो हजार सैनिक अभी भी छिपे हुए हैं. सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध कराने वाली कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने यह तस्वीरें जारी की हैं. कंपनी के मुताबिक इन तस्वीरों में 200 से अधिक सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि रूस मारियुपोल शहर में हमले में मारे जा रहे आम नागरिकों को इन्हीं सामूहिक कब्रों में दफन कर रहा है.

रूस ने वार्ता रुकने के लिए युक्रेन को जिम्मेदार ठहराया : रूस के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए होने वाली वार्ता थम गयी है, क्योंकि मॉस्को को उसके सबसे नवीनतम प्रस्तावों पर कीव की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, अभी ये (बातचीत) थमी हुई है, क्योंकि हमने पांच दिन पहले यूक्रेन के वार्ताकारों के समक्ष अन्य प्रस्ताव भेजा है, जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. लावरोव ने आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और उनके सलाहकारों के हालिया बयान से प्रतीत होता है कि उन्हें बातचीत की जरूरत नहीं है. उन्हें अपनी किस्मत के भरोसे रहना है. इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी एवं प्रमुख वार्ताकार व्लादिमीर मेदिंस्की ने इस रिपोर्ट की पुष्टि की है कि उन्होंने यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के साथ लंबी बातचीत की है.

हालांकि, उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया है कि वार्ता के दौरान क्या बातचीत हुई और क्या इस क्षेत्र में कोई प्रगति हुई है. दूसरी तरफ जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल के इस्पात संयंत्र की सुरक्षा में जुटे यूक्रेन के जवानों को आत्मसमर्पण करने और जिन्दा रहने की गारंटी प्राप्त करने का विकल्प दिया है. क्रेमलिन से दी गयी जानकारी के अनुसार, पुतिन ने यह टिप्पणी अपने और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के बीच हुई बातचीत के दौरान की है.

पढ़ें : यूक्रेन में जंग : पुतिन ने मारियुपोल जीतने का दावा किया, बाइडेन ने नई सैन्य सहायता की घोषणा की

यूक्रेन को अधिक सक्रिय रूप से मदद करे भारत : जंग के बीच यूक्रेन के एक मंत्री ने भारत से युद्धग्रस्त उनके देश को अधिक सक्रिय रूप से समर्थन देने का आग्रह किया. उन्होंने पश्चिमी देशों से रूसी तेल और गैस के निर्यात पर वास्तविक प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया. यूक्रेन के संस्कृति एवं सूचना मंत्री ऑलेक्जेंडर त्काचेंको ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई कई दशक पहले यूरोप में एडोल्फ हिटलर की तुलना में अलग नहीं है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य उनके देश पर पूरी तरह से कब्जा करना और इसकी पहचान को मिटाना है. उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं. उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2022’ को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए कहा, क्योंकि यह (भारत) दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति है, और मेरा मानना है कि एक स्वतंत्र देश में रहने के अधिकार के लिए यूक्रेन के लोग जिन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ते हैं, वे भारतीय लोगों द्वारा भी साझा किए जाते हैं.

कीव : रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहा है. लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. वहीं, यूक्रेन पर रूस के हमले के दो महीने बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, रूस ने वार्ता रुकने के लिए युक्रेन को जिम्मेदार ठहराया हैं. इससे पहले, गुतारेस ने इस सप्ताह पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखकर मॉस्को और कीव में उनकी अगवानी करने तथा यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने पर चर्चा करने को कहा था. संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता कार्यालय की ओर से कहा गया है कि गुतारेस 26 अप्रैल को मॉस्को जाएंगे. बयान के मुताबिक, संरा महासचिव रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव के साथ बैठक करेंगे और साथ में भोजन करेंगे. गुतारेस 26 अप्रैल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि भारत, यूक्रेन में शांति पर जोर दे रहा है और चाहता है कि वहां से रूस बाहर निकल जाए. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा के बाद संवाददाताओं से यह बात कही. जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन के बूचा में जो हुआ, उसके खिलाफ मोदी की प्रतिक्रिया काफी मजबूती से सामने आयी और हर कोई रूस के साथ भारत के दशकों पुराने ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करता है. उन्होंने कहा, भारतीय, यूक्रेन में शांति चाहते हैं और चाहते हैं कि रूसी वहां से बाहर निकले और मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूं.

यूक्रेन में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की डरावनी कहानी सामने आयी है: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से युद्ध अपराधों के सबूत सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मानवीय कानून को दरकिनार कर दिया गया है. मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा, हमारे अब तक के काम में नागरिकों के खिलाफ उल्लंघनों की एक डरावनी कहानी सामने आयी है. उनके कार्यालय के यूक्रेन स्थित मिशन ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 5,264 नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि की है, जिसमें 2,345 मौतें शामिल हैं. इसने कहा कि उनमें से 92.3 प्रतिशत मामले यूक्रेन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में दर्ज किए गए. कार्यालय सख्त कार्यप्रणाली का उपयोग करता है और लंबे समय से स्वीकार करता रहा है कि इसके पुष्ट आंकड़े वास्तविक संख्या से बहुत कम हैं. बाशेलेट ने कहा, ‘‘वास्तविक संख्या बहुत अधिक होगी’’ जब मारियुपोल जैसे स्थानों से अधिक विवरण सामने आएंगे, जहां भीषण लड़ाई हो रही है. इन आठ हफ्तों में, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को न केवल नजरअंदाज किया गया है, बल्कि एक तरह से दरकिनार कर दिया गया.

उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि रूसी सशस्त्र बलों ने आबादी वाले क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलाबारी की और बमबारी की जिनमें नागरिकों की मौत हुई. साथ ही अस्पतालों, स्कूलों और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया - ऐसी कार्रवाई जो युद्ध अपराधों के बराबर हो सकती है. बाशेलेट ने कहा, हमारा अनुमान है कि कम से कम 3,000 नागरिक मारे गए हैं क्योंकि उन्हें इलाज नहीं मिल सका. संयुक्त राष्ट्र मिशन को रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के खिलाफ यौन हिंसा के अब तक 75 आरोप प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश कीव क्षेत्र में हैं. मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रूसी बलों और संबद्ध समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में नागरिकों को हिरासत में लेना "एक व्यापक चलन बन गया है" और अब तक ऐसे 155 मामले दर्ज किए गए हैं.

सैटेलाइट तस्वीरों से मारियुपोल के पास संभावित सामूहिक कब्रों का पता चला : सैटेलाइट तस्वीरों में युद्धग्रस्त यूक्रेन के मारियुपोल शहर के पास सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यह तस्वीरें बृहस्पतिवार को जारी की गयी थीं. (mass graves near mariupol) मारियुपोल के स्थानीय अधिकारियों ने रूस पर शहर की घेराबंदी के दौरान आम लोगों की हो रही हत्याओं को छिपाने के प्रयास के तहत करीब नौ हजार यूक्रेनी नागरिकों को सामूहिक तौर पर दफनाने का आरोप लगाया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मारियुपोल की लड़ाई में जीत का दावा करने के कुछ घंटे बाद ही सैटेलाइट की यह तस्वीरें जारी की गयी हैं. हालांकि, मारियुपोल के एक विशाल स्टील संयंत्र में यूक्रेन के करीब दो हजार सैनिक अभी भी छिपे हुए हैं. सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध कराने वाली कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने यह तस्वीरें जारी की हैं. कंपनी के मुताबिक इन तस्वीरों में 200 से अधिक सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं. यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि रूस मारियुपोल शहर में हमले में मारे जा रहे आम नागरिकों को इन्हीं सामूहिक कब्रों में दफन कर रहा है.

रूस ने वार्ता रुकने के लिए युक्रेन को जिम्मेदार ठहराया : रूस के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए होने वाली वार्ता थम गयी है, क्योंकि मॉस्को को उसके सबसे नवीनतम प्रस्तावों पर कीव की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, अभी ये (बातचीत) थमी हुई है, क्योंकि हमने पांच दिन पहले यूक्रेन के वार्ताकारों के समक्ष अन्य प्रस्ताव भेजा है, जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. लावरोव ने आरोप भी लगाया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और उनके सलाहकारों के हालिया बयान से प्रतीत होता है कि उन्हें बातचीत की जरूरत नहीं है. उन्हें अपनी किस्मत के भरोसे रहना है. इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी एवं प्रमुख वार्ताकार व्लादिमीर मेदिंस्की ने इस रिपोर्ट की पुष्टि की है कि उन्होंने यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के साथ लंबी बातचीत की है.

हालांकि, उन्होंने कोई ब्योरा नहीं दिया है कि वार्ता के दौरान क्या बातचीत हुई और क्या इस क्षेत्र में कोई प्रगति हुई है. दूसरी तरफ जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल के इस्पात संयंत्र की सुरक्षा में जुटे यूक्रेन के जवानों को आत्मसमर्पण करने और जिन्दा रहने की गारंटी प्राप्त करने का विकल्प दिया है. क्रेमलिन से दी गयी जानकारी के अनुसार, पुतिन ने यह टिप्पणी अपने और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के बीच हुई बातचीत के दौरान की है.

पढ़ें : यूक्रेन में जंग : पुतिन ने मारियुपोल जीतने का दावा किया, बाइडेन ने नई सैन्य सहायता की घोषणा की

यूक्रेन को अधिक सक्रिय रूप से मदद करे भारत : जंग के बीच यूक्रेन के एक मंत्री ने भारत से युद्धग्रस्त उनके देश को अधिक सक्रिय रूप से समर्थन देने का आग्रह किया. उन्होंने पश्चिमी देशों से रूसी तेल और गैस के निर्यात पर वास्तविक प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया. यूक्रेन के संस्कृति एवं सूचना मंत्री ऑलेक्जेंडर त्काचेंको ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई कई दशक पहले यूरोप में एडोल्फ हिटलर की तुलना में अलग नहीं है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य उनके देश पर पूरी तरह से कब्जा करना और इसकी पहचान को मिटाना है. उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं. उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2022’ को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए कहा, क्योंकि यह (भारत) दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति है, और मेरा मानना है कि एक स्वतंत्र देश में रहने के अधिकार के लिए यूक्रेन के लोग जिन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ते हैं, वे भारतीय लोगों द्वारा भी साझा किए जाते हैं.

Last Updated : Apr 23, 2022, 7:47 AM IST
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