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नहीं काम आया अमेरिकी पैंतरा, रूस ने शुरू की भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की डिलीवरी

रूस ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की डिलीवरी भारत को शुरू कर दी है. बता दें, अमेरिका ने रूस से एस-400 की डील को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी. लेकिन भारत ने अमेरिकी चेतावनी को दरकिनार करते हुए रूस से रक्षा डील की.

S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम
S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम
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Published : Nov 14, 2021, 2:40 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 4:53 PM IST

नई दिल्ली : रूस ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की आपूर्ति भारत को शुरू कर दी है. रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के निदेशक दिमित्री शुगाएव ने दुबई एयर शो में इसकी जानकारी दी. दिमित्री शुगाएव ने कहा कि भारत को एस-400 सिस्‍टम की आपूर्ति तय समय पर शुरू हो गई है.

इससे पहले, आठ सितंबर को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने अवगत किया कि S-400 रक्षा तकनीकी समय पर भारत को दे दी जाएगी.

भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2018 में एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ 5.4 अरब डॉलर के करार पर दस्तखत किए थे.

इसके बाद अमेरिका ने S-400 सौदे पर आपत्ति जताई थी. लेकिन भारत ने दो-टूक कहा था कि वह रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 किसी भी हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, चाहे वह क्रूज मिसाइल हो या विमान हो, या 10 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को भी निशाना बना लेगा.

एक रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि यदि यह तकनीकी भारतीय सीमा से 100 किमी की दूरी पर स्थित होगा तो यह पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य को भेद सकता है. साथ में पाक के सभी बड़े हवाई क्षेत्र इसके सीमा के अंदर होंगे.

यह भी पढ़ें- S-400 भारत के लिए गेम चेंजर, चीन और पाक के लिए चिंताः पीके सहगल

एस-400 खरीदने वाला चीन पहला देश
रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला चीन पहला देश है. इसके लिए 2014 में चीन और रूस के बीच समझौता हुआ था. रूस ने भी चीन को S-400 मिसाइल प्रणाली मुहैया कराना शुरू कर दिया है. हालांकि इनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.

चीन और पाकिस्तान के लिए खतरनाक

  • एस-400 एक ऐसी प्रणाली है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करती है.
  • दुश्मन से दागी गई मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें हवा में मारता में सक्षम.
  • इस मिसाइल प्रणाली को पांच मिनट के अंदर मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है.

एस-400 की विशेषताएं

  1. यह मिसाइल प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्य भेद सकती है.
  2. यह मिसाइल 100 से 300 हवाई लक्ष्यों का पता सकती है.
  3. 600 किलोमीटर दूर तक निगरानी करने की क्षमता है.
  4. इस मिसाइल प्रणाली की क्षमता 400 किमी तक की है.
  5. एक साथ 30 किमी की ऊंचाई पर 36 लक्ष्यों को भेद सकता है.
  6. अमेरिका के सबसे आधुनिक एफ-35 को भेदने की क्षमता.

उपकरण

  • S-400 मिसाइल प्रणाली में 8 लॉन्चर होते हैं.
  • दो राडार, एक कमांड सेंटर होते हैं.
  • इस मिसाइल रक्षा प्रणाली में 72 तक मिसाइलें होती हैं.

जनवरी 2018 ने अमेरिका में प्रतिबंध अधिनियम (सीएएटीएसए) लागू हुआ था, जिसके तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ रक्षा समझौते करने वाली कंपनियों को लक्षित किया गया. सीएएटीएसए अधिनियम मुख्य रूप से रूसी हितों जैसे कि इसके तेल और गैस उद्योग, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र, और वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंधों से संबंधित है.

यह भी पढ़ें- एस-400 मिसाइल प्रणाली, जानें क्या है इसकी खासियत

नई दिल्ली : रूस ने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम की आपूर्ति भारत को शुरू कर दी है. रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के निदेशक दिमित्री शुगाएव ने दुबई एयर शो में इसकी जानकारी दी. दिमित्री शुगाएव ने कहा कि भारत को एस-400 सिस्‍टम की आपूर्ति तय समय पर शुरू हो गई है.

इससे पहले, आठ सितंबर को रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने अवगत किया कि S-400 रक्षा तकनीकी समय पर भारत को दे दी जाएगी.

भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अक्टूबर 2018 में एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ 5.4 अरब डॉलर के करार पर दस्तखत किए थे.

इसके बाद अमेरिका ने S-400 सौदे पर आपत्ति जताई थी. लेकिन भारत ने दो-टूक कहा था कि वह रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा.

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि S-400 किसी भी हवाई लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, चाहे वह क्रूज मिसाइल हो या विमान हो, या 10 मीटर से लेकर 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ड्रोन को भी निशाना बना लेगा.

एक रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि यदि यह तकनीकी भारतीय सीमा से 100 किमी की दूरी पर स्थित होगा तो यह पाकिस्तान में किसी भी लक्ष्य को भेद सकता है. साथ में पाक के सभी बड़े हवाई क्षेत्र इसके सीमा के अंदर होंगे.

यह भी पढ़ें- S-400 भारत के लिए गेम चेंजर, चीन और पाक के लिए चिंताः पीके सहगल

एस-400 खरीदने वाला चीन पहला देश
रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने वाला चीन पहला देश है. इसके लिए 2014 में चीन और रूस के बीच समझौता हुआ था. रूस ने भी चीन को S-400 मिसाइल प्रणाली मुहैया कराना शुरू कर दिया है. हालांकि इनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.

चीन और पाकिस्तान के लिए खतरनाक

  • एस-400 एक ऐसी प्रणाली है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों से रक्षा करती है.
  • दुश्मन से दागी गई मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें हवा में मारता में सक्षम.
  • इस मिसाइल प्रणाली को पांच मिनट के अंदर मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है.

एस-400 की विशेषताएं

  1. यह मिसाइल प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्य भेद सकती है.
  2. यह मिसाइल 100 से 300 हवाई लक्ष्यों का पता सकती है.
  3. 600 किलोमीटर दूर तक निगरानी करने की क्षमता है.
  4. इस मिसाइल प्रणाली की क्षमता 400 किमी तक की है.
  5. एक साथ 30 किमी की ऊंचाई पर 36 लक्ष्यों को भेद सकता है.
  6. अमेरिका के सबसे आधुनिक एफ-35 को भेदने की क्षमता.

उपकरण

  • S-400 मिसाइल प्रणाली में 8 लॉन्चर होते हैं.
  • दो राडार, एक कमांड सेंटर होते हैं.
  • इस मिसाइल रक्षा प्रणाली में 72 तक मिसाइलें होती हैं.

जनवरी 2018 ने अमेरिका में प्रतिबंध अधिनियम (सीएएटीएसए) लागू हुआ था, जिसके तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ रक्षा समझौते करने वाली कंपनियों को लक्षित किया गया. सीएएटीएसए अधिनियम मुख्य रूप से रूसी हितों जैसे कि इसके तेल और गैस उद्योग, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र, और वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंधों से संबंधित है.

यह भी पढ़ें- एस-400 मिसाइल प्रणाली, जानें क्या है इसकी खासियत

Last Updated : Nov 14, 2021, 4:53 PM IST
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