नई दिल्ली : भारत के दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) ने शुक्रवार को कहा कि हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं, जो वह हमसे खरीदना चाहता है. उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. लावरोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से जब पूछा गया कि क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? लावरोव ने कहा कि मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा. वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
यूक्रेन में युद्ध के विकास के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा कि आपने इसे युद्ध कहा जो सच नहीं है. यह एक विशेष ऑपरेशन है, सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है. हमारा उद्देश्य कीव शासन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पेश करने की क्षमता के निर्माण से वंचित करना है. लावरोव से पूछा गया कि वे सुरक्षा चुनौतियों के मामले में भारत का समर्थन कैसे कर सकते हैं? इस पर लावरोव ने कहा कि बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं. संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं. यह वह आधार था जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं.
मास्को और कीव के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारत
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत मास्को और कीव के बीच मध्यस्थता कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच शांति वार्ता युद्ध को समाप्त करने के लिए समाधान के साथ आने में विफल रही है. उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच भारत के मध्यस्थ बनने की संभावना के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'भारत एक महत्वपूर्ण देश है. अगर भारत ऐसी भूमिका निभाना चाहता है जो समस्या को हल कर सके... अगर अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों की ओर भारत की स्थिति न्यायपूर्ण और उचित समझ वाली है, तो यह ऐसे मामलों में सहयोग कर सकता है.'
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इससे पहले शुक्रवार सुबह सर्गेई लावरोव आज विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) से मिले. आज ही वह पीएम मोदी से भी मिलेंगे. जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद, एस-400 मिसाइल सिस्टम सहित विभिन्न मिलिट्री साजो-सामान की वक्त पर डिलिवरी आदि पर बात होगी. 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से रूस के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की यह पहली यात्रा है. लावरोव गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे थे.