नई दिल्ली : रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने बुधवार को कहा कि रूस और भारत एस-400 मिसाइल सौदे को लेकर समयसीमा एवं अन्य इकरारनामा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उनका यह बयान ऐसे समय में आया, जब आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि इस हथियार प्रणाली की खरीद को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध लगने की संभावनाएं हैं.
रूसी राजदूत ने कहा कि भारत और रूस द्विपक्षीय प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देते हैं, क्योंकि ये गैर कानूनी और अनुचित प्रतिस्पर्धा एवं दबाव के अवैध माध्यम हैं.
जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने भारत की यात्रा के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन ने कहा था कि रूस के साथ एस-400 मिसाइल सिस्टम के सौदे को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनकी कोई चर्चा नहीं हुई.
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इसके साथ ही, आस्टिन ने अमेरिका के सभी सहयोगियों से आपील की थी कि वे ऐसी रूसी हथियार प्रणाली नहीं खरीदें जिस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगा सकते हों.
इस बीच, रूसी राजदूत कुदाशेव ने कहा कि भारत के साथ हम द्विपक्षीय प्रतिबंधों को मान्यता नहीं देते हैं, क्योंकि ये गैर कानूनी और अनुचित प्रतिस्पर्धा का अवैध माध्यम हैं या मैं कहूं कि दबाव और यहां तक कि ब्लैकमेल का माध्यम हैं.
उन्होंने कहा कि इस बारे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान यह स्पष्ट रूप से कहा गया. जहां तक एस-400 मिसाइल सिस्टम और व्यापक समझौते का संबंध है, दोनों पक्ष समयसीमा और इकरारनामा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. यह अनुबंध सफलतापूर्वक पूरा किया जा रहा है.
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कुदाशेव ने यह भी कहा कि विश्व व्यवस्था को एकतरफा कदमों, अवैध प्रतिबंधों, दोहरे मानदंडों और सम्प्रभु देशों के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप से मुक्त रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सामूहिक अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित समाधान को लागू किया जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि आस्टिन की भारत की उच्चस्तरीय यात्रा से पहले अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एवं सीनेटर रॉबर्ट मेनेंडिज ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद के विषय को नई दिल्ली के समक्ष उठाने का आग्रह किया था.
बता दें कि भारत ने रूस के साथ पांच एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए पांच अरब डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.