नई दिल्ली : कांग्रेस का कहना है कि राकांपा को तोड़ने के लिए भाजपा हर हथकंडे अपना रही है, लेकिन अगर बागी अजित पवार दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए पर्याप्त विधायकों की व्यवस्था करने में विफल रहे तो भाजपा की योजना विफल हो जाएगी. इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (former Maharashtra CM Prithviraj Chavan) ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं. वहीं दलबदल विरोधी कानूनी से बचने के लिए अजित पवार को दो तिहाई यानि 36 या 37 विधायकों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक शरद पवार के पास 19 विधायक हैं इसका मतलब है कि अजित के पास पर्याप्त संख्या नहीं हो सकती है. यदि वह 37 विधायकों से कम संख्या का प्रबंधन करते हैं तो शरद पवार स्पीकर या चुनाव आयोग से दलबदल विरोधी कानून के तहत विद्रोहियों को अयोग्य घोषित करने के लिए कह सकते हैं.
चव्हाण ने कहा कि मुझे पता चला है कि अजित पवार और बीजेपी को 37 विधायक जुटाने में दिक्कत आ रही है. इसलिए, भाजपा संख्या बल जुटाने के लिए पैसे और जोर जबरजस्ती समेत हर हथकंडे अपना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक, महाराष्ट्र में बीजेपी को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने पहले कांग्रेस से, शिवसेना यूटीबी से और अब एनसीपी से नेताओं को लिया है. अजित पवार के साथ नए लोगों को 9 मंत्रालय मिले लेकिन उन नेताओं का क्यो जो पहले बीजेपी में शामिल हुए थे और वे अपनी बारी का इंतजार कर रहे है.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि एकनाथ शिंदे के साथ गए लोग इंतजार कर रहे हैं. फिर असली आरएसएस और बीजेपी के नेता हैं, वे भी इंतज़ार कर रहे हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर कई गुट हैं. हाल ही में शिंदे गुट के विधायकों ने आरोप लगाया था कि एक बैठक के दौरान उनके साथ मारपीट की गई. चव्हाण ने कहा कि वे 29 से ज्यादा कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं जबकि 24 सीटें खाली हैं. अगर बीजेपी की एनसीपी को तोड़ने की योजना सफल नहीं हुई तो वे सभी बहुत गहरे संकट में पड़ जाएंगे.
उन्होंने कहा कि भाजपा भी कांग्रेस पार्टी में सेंध लगाने के लिए पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों पर इसी तरह की चालें आजमा रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी. कांग्रेस के पास 45 विधायक हैं. अगर कांग्रेस को बीजेपी तोड़ना चाहती है तो दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए 30 विधायकों की जरूरत होगी. कांग्रेस में विभाजन संभव नहीं है. वे अफवाह फैला रहे हैं कि 12 या 15 विधायक भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं. एक-एक विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि विधायकों को खींचने वाला कोई केंद्रीय व्यक्ति नहीं है जैसा कि राकांपा के मामले में हुआ था जहां अजित पवार ने विद्रोहियों का नेतृत्व किया था. कांग्रेस एकजुट है और उसे कोई खतरा नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक बीजेपी, एनसीपी और कांग्रेस दोनों पर दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य इकाई के वरिष्ठ नेताओं ने कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में उभरती राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की थी इस दौरान हमने लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा की थी. कांग्रेस नेता चव्हाण ने कहा कि एमवीए 2024 के संसदीय चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा, हालांकि उन क्षेत्रों में कुछ समस्याएं हो सकती हैं जहां विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि विधायक भाजपा में चले गए हैं लेकिन यह देखना बाकी है कि लोग उनके पास गए हैं या नहीं.