वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं. अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने वाराणसी को 1500 करोड़ से ज्यादा योजनाओं की सौगात दी. इन सब में सबसे महत्वपूर्ण सौगात देश के लिए वाराणसी में बना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर (Rudraksh International Cooperation Convention Centre) है, जो जापान-भारत की मैत्री को एक अलग पहचान दे रहा है.
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, अभी अपने पिछले कार्यक्रम में मैंने काशीवासियों से कहा था कि इस बार काफी लंबे समय के बाद आपके बीच आने का सौभाग्य मिला. लेकिन बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले ही लंबा हो जाये, परंतु ये शहर जब मिलता है तो भरपूर रस एक साथ ही भरकर दे देता है.
कोरोना काल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही. काशी के विकास के ये आयाम, ये 'इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष' आज इसी रचनात्मकता का इसी गतिशीलता का परिणाम है.
उन्होंने कहा, चाहे सामरिक एरिया हो या आर्थिक एरिया, जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है. हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे Natural partnerships में से एक माना जाता है.
भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए. ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए, और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए. पिछले 6-7 वर्षों में बनारस के हैंडीक्राफ्ट और शिल्प को मजबूत करने की दिशा में काफी काम हुआ है. इससे बनारसी सिल्क और बनारसी शिल्प को फिर से नई पहचान मिल रही है.
जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सम्मेलन केंद्र 'रुद्राक्ष' का उद्घाटन होने पर मैं हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. इस शहर का जापान के साथ घनिष्ठ संबंध है.
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, 2018 में जापान की मदद से रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई थी. काशी अध्यात्म, साहित्य, संगीत का बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र है. इसका उद्घाटन हुआ, यह खुशी का क्षण है.
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यूं तो भारत व जापान की दोस्ती काफी पुरानी है, लेकिन काशी का रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पुरानी दोस्ती को और भी मजबूत करेगा. जापानी डेलीगेट्स की मौजूदगी में पीएम मोदी ने वाराणसी को जापान और भारत की दोस्ती की मिसाल रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सौंपा. इसको लेकर जापान में भी हर्षोल्लास का माहौल है. वहीं, जापान में रहने वाले भारतीय नागरिक भी इसको लेकर काफी खुश हैं.
गौरतलब है कि 2015 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे, पीएम मोदी संग वाराणसी के दौरे पर आए थे. इस दौरान दोनों नेताओं ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को लेकर विचार विमर्श किया और इस प्रोजेक्ट की नींव रखी. उसके उपरांत 2018 से यह प्रोजेक्ट बनना शुरू हुआ. इसका निर्माण 10 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था और मार्च 2021 में यह बनकर तैयार हो चुका है. जापान के द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए 186 करोड़ रुपये की सौगात दी गई. खास बात यह है कि जापान की आधुनिक तकनीकों के आधार पर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण हुआ है.
इसकी डिजाइनिंग जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने ही की है और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है. भारत और जापान के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए भारत और जापानी व्यंजनों के साथ-साथ दोनों देशों की संस्कृति की झलक भी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में देखने को मिलेगी. जापान की लाइट्स और जापान के छाते के अलावा जापान में घरों में सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक मुखौटे, वेशभूषा भी यहां पर देखने को मिलेंगे. रुद्राक्ष परिसर में इंडो-जापानी शैली की झलक दिखाई देगी. रुद्राक्ष में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के परिसर में रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया.
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