वाराणसी : वाराणसी के दौरे के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कई परियोजनाओं का विवरण साझा किया, जिनका वह वहां उद्घाटन करेंगे और कहा कि उनकी सरकार का दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए शहर में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है. अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान मोदी 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से काशी और पूर्वांचल के लोगों के लिए 'जीवन की सुगमता' को और बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक काम किया है. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के तहत काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) अस्पताल में 100 बेड की एमसीएच विंग का उद्घाटन किया जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया कि इस परियोजना से काशी और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा आसानी से उपलब्ध होगी.
रखी जाएंगी कई आधारशिला
पीएम ने कहा, 'काशी के लिए हमारा दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है. इसी भावना के साथ सिपेट, जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण परियोजनाओं और करखियां में आम के साथ-साथ सब्जी के एकीकृत पैक हाउस की आधारशिला रखी जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'मुझे वाराणसी में एक सम्मेलन केंद्र रुद्राक्ष का उद्घाटन करते हुए खुशी होगी. जापान की सहायता से निर्मित, यह अत्याधुनिक केंद्र वाराणसी को सम्मेलनों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना देगा और इस प्रकार शहर अधिक पर्यटकों और व्यापारियों को आकर्षित करेगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'वाराणसी में जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, उनमें गोदौलिया में बहु-स्तरीय पार्किंग, पर्यटन विकास के लिए रो-रो जहाज और वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन लेन का फ्लाईओवर शामिल है.'
जापान का डेलीगेशन पहुंचा बनारस
वहीं पीएम मोदी के आने से पहले बुधवार को जापान के राजदूत सुजुकी सातोषी और 11 सदस्यीय जापानी डेलीगेट्स वाराणसी पहुंचे. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. फिलहाल उनको एक पांच सितारा होटल में रुकवाया गया है. यहां से वह कुछ देर विश्राम करने के बाद सारनाथ समेत वाराणसी के अन्य पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए जाएंगे. जापानी डेलीगेट्स गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में लगभग 1 घंटे के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इस दौरान रुद्राक्ष को इंडो जापानी शैली में सजाया जा रहा है. यहां पर सजावट से लेकर खानपान तक में भारत और जापान की झलक देखने को मिलेगी.
यहां पर जापानी डेलीगेट्स की मौजूदगी में पीएम मोदी वाराणसी को जापान और भारत के दोस्ती की मिसाल रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर सौंपेंगे. इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री भी वर्चुअल तरीके से इस समारोह में मौजूद होंगे और उनका एक वीडियो संदेश भी बड़ी से स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जाएगा. पीएम मोदी काशी को करीब 1500 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे. प्रधानमंत्री वाराणसी में करीब 744.02 करोड़ की पूरी हो चुकी योजनाओं का लोकार्पण करेंगे और 838.91 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे.
लगाए गए हैं विदेशी चेयर
वाराणसी में बने इस रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. कन्वेंशन सेंटर में लोगों के बैठने के लिए लगे चेयर भी वियतनाम से मंगाए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से भी पूरे कन्वेंशन सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इसके अलावा कन्वेंशन सेंटर को वातानुकूलित रखने के लिए इटली से मंगाए उपकरण को लगाया गया.
हो रही हैं खास तैयारियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 जुलाई को वाराणसी में होने वाला दौरा बेहद खास होने जा रहा है. इस दृष्टि से नहीं कि वह अपने संसदीय क्षेत्र को बड़ी सौगात देंगे, बल्कि इस दृष्टि से कि वाराणसी से जापान और भारत के रिश्तों को मजबूती मिलने जा रही है. यही वजह है कि भारत और जापान के इन रिश्तों को मजबूत करने के लिए भारत और जापानी व्यंजनों के साथ-साथ दोनों देशों की संस्कृति की झलक भी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में देखने को मिलेगी. इसके लिए तैयारियां खास हैं और उन तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.
ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन भी होगा
पीएम नरेंद्र मोदी 'रुद्राक्ष' अंतरराष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन करेंगे. उनके साथ जापान के प्रतिनिधि भी रहेंगे. इस दौरान रुद्राक्ष को जापानी शैली में सजाया जा रहा है. जापानी फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में फैलेगी. रुद्राक्ष के परिसर में प्रधानमंत्री रुद्राक्ष के पौधे को भी लगाएंगे. कार्यक्रम के दौरान कन्वेंशन सेंटर में इंडो जापान कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पर बने तीन मिनट के ऑडियो विजुअल को भी रुद्राक्ष में प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ देख सकते हैं. प्रधानमंत्री का यहां करीब 500 लोगों से संवाद करना भी प्रस्तावित है. संभावना है कि वीडियो फिल्म के माध्यम से जापान के पीएम शुभकामनाएं भी देंगे.
सजावट से लेकर खानपान तक में दिखेगी भारत-जापान की झलक
कन्वेंशन सेंटर में जापानी मेहमानों के स्वागत के लिए जापानी और भारतीय शैली में कलाकारों को रखा जाएगा. जब पीएम मोदी और जापानी डेलीगेट यहां पर एंट्री लेंगे तब उनका स्वागत जापानी तरीके से और भारतीय संस्कृति के आधार पर किया जाएगा. इसके लिए पूरे परिसर को जापान और भारत के झंडों से सजाया जा रहा है. इतना ही नहीं जापान के खास फूल के अलावा जापानी छाते, जापानी बंबू और जापान के सजावटी सामानों से इस पूरे परिसर को सजाया जा रहा है. जापान से आए खास फूलों में प्रिमूला, बाना, इकेबाना, ब्लूबेल, कैमलिया, कारनेटरसन समेत भारतीय फूलों में रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, बेला और अन्य तरह के सजावटी फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त जापान के पारंपरिक खानपान को भी यहां पर शामिल किया जा रहा है. जिनमें जापान में तैयार होने वाले खास तरह के सूप भी मेहमानों को परोसे जाएंगे. इनमें मीसो सूप, टोफू के अलावा जापान के नूडल्स और शोरबा को भी परोसने की तैयारी की गई है.
इसके अतिरिक्त यहां जापानी संस्कृति के अनुरूप जापान के पारंपरिक संगीत का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा जापानी सभ्यता और संस्कृति के अनुसार पूरे परिसर को बेहतरीन तरीके से सजाने का काम भी किया जा रहा है. जापान की लाइट्स और जापान के छाते के अलावा जापान में घरों में सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक मुखौटे, वेशभूषा भी यहां पर देखने को मिलेगी.
2015 में बनी थी रूपरेखा
सर्व विद्या की राजधानी काशी में धर्म, अध्यात्म, कला, संस्कृति और विज्ञान पर चर्चा होती है, तो इसका सन्देश पूरी दुनिया में जाता है. वाराणसी में संगीत के सुर, लय और ताल की त्रिवेणी अविरल बहती रहती है. 2015 में वाराणसी को यूनेस्को ने 'सिटीज ऑफ म्यूजिक' से नवाजा था और 2015 में ही जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के वाराणसी दौरे के दौरान इस दोस्ती की मिसाल की रूपरेखा भी पीएम मोदी ने तैयार की थी. रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फण्ड किया है. इसकी डिजाइनिंग जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने ही की है और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है. इसका निर्माण 10 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था और मार्च 2021 में यह बनकर तैयार हो चुका है.
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