श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि उनकी बहन रूबिया सईद ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया क्योंकि उन्हें अदालत ने गवाह के रूप में बुलाया था. पार्टी के एक समारोह के मौके पर अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा ने कहा कि रूबिया सईद को अदालत ने कानूनी प्रक्रिया के तहत गवाह के तौर पर बुलाया था.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'उसे (रूबिया सईद को) अदालत ने तलब किया था और उसने गवाह के रूप में कानून का पालन किया.' महबूबा ने कहा कि वह केवल यासीन मलिक को पहचान सकी क्योंकि वह लंबे समय से सार्वजनिक जीवन जी रहा है. उसके लिए उसे पहचानना आसान था. उन्होंने कहा कि मामला 32 साल पुराना है इसलिए वह और किसी की पहचान नहीं कर सकी.
जम्मू की एक अदालत ने शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती की छोटी बहन रुबिया को अपहरण के मामले में गवाह के तौर पर तलब किया था. जेकेएलएफ के आतंकवादियों ने 90 के दशक में श्रीनगर में एलडी अस्पताल के बाहर उनका अपहरण कर लिया था. रूबिका उस अस्पताल में डॉक्टर के रूप में प्रशिक्षण ले रही थीं. महबूबा ने कहा, 'उसने केवल कानून के अनुसार अपना कर्तव्य निभाया क्योंकि उसे किसी की पहचान करने के लिए कहा गया था.'
वहीं, महबूबा ने कहा कि पार्टी अपने 22वें स्थापना दिवस पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को जुटाने के लिए नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
महबूबा ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. उन्होंने कहा कि 'वास्तव में कश्मीर मुद्दे को सुलझाने और यहां रक्तपात को रोकने के लिए सभी के साथ बातचीत शुरू करनी होगी. हिंसा और बंदूक से हम कुछ भी हल नहीं कर सकते.' उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर मुद्दा अनुच्छेद 370 की बहाली से बड़ा मुद्दा है और वे (पीडीपी) कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगी.
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