बेंगलुरु : कर्नाटक में वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सड़क परिवहन निगमों (आरटीसी) के कर्मचारियों की जारी हड़ताल के चलते सोमवार को लगातार छठे दिन भी बस सेवाएं प्रभावित रहीं. राज्य के चार परिवहन निगमों के कर्मचारी छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर सरकार और उनके बीच गतिरोध बना हुआ है. अधिकतर कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते बसें सड़कों से नदारद हैं और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि 'काम नहीं तो वेतन नहीं' की चेतावनी के बीच आरटीसी के कुछ कर्मचारी काम पर लौट आए और शहर तथा राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुछ मार्गों पर बसें चल रही हैं. मंगलवार को उगादी पर्व मनाने के लिए अपने गृह नगरों को जाने का प्रयास कर रहे लोग तथा दफ्तर जाने वाले लोग हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित हुए.
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यात्रियों की मदद के लिए अधिकारियों ने निजी बसें, मिनी बसें, मिनी कैब और अन्य यात्री परिहवन वाहनों की सेवाएं शुरू की हैं. शहर में आवागमन के लिए लोग मेट्रो ट्रेन, ऑटो और कैब का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सरकार के रूख के विरोध में अपने प्रदर्शन को तेज करते हुए कर्मचारियों ने सोमवार को अपने परिजनों के साथ मिलकर जिला एवं तालुका केंद्रों में, उपायुक्त या तहसीलदार कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया.
कर्मचारियों ने आरोप लगाए कि उन्हें मार्च माह के वेतन का भुगतान नहीं किया गया, जबकि काम पर जाने वाले कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी दे चुके आरटीसी ने उनके खिलाफ कार्रवाई आरंभ कर दी है.