ETV Bharat / bharat

RSS on SC decision in BBC Documentary Case: आरएसएस ने कहा, भारत विरोधी तत्व शीर्ष अदालत का 'औजार' की तरह कर रहीं इस्तेमाल - BBC Documentary Case

बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री मामले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को दिये गए नोटिस पर आरएसएस ने नाराजगी जतायी है. आरएसएस ने कहा कि भारत विरोधी ताकतें सुप्रीम कोर्ट को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं.

author img

By

Published : Feb 16, 2023, 12:16 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 12:21 PM IST

नई दिल्ली : बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र से जुड़े सोशल मीडिया लिंक को बैन करने के आदेश पर केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय से मिले नोटिस की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आलोचना की है. आरएसएस ने साफ-साफ कहा कि भारत विरोधी तत्व उच्चतम न्यायालय को 'हथियार' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. संगठन से संबंधित साप्ताहिक पत्रिका 'पाञ्चजन्य' में इस बात का जिक्र किया गया है. पत्रिका ने कहा कि भारत विरोधी तत्व कथित रूप से शीर्ष अदालत का 'औजार' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.

पत्रिका के ताजा संस्करण के एक संपादकीय में कहा गया है कि मानवाधिकारों के नाम पर आतंकवादियों को बचाने के प्रयासों और पर्यावरण के नाम पर भारत के विकास में बाधाएं पैदा करने के बाद अब यह कोशिश की जा रही है कि देश विरोधी ताकतों को भारत में दुष्प्रचार करने का अधिकार हो. बीबीसी के वृत्तचित्र को लेकर शीर्ष अदालत के नोटिस का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया, "हमारे देश के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई थी, लेकिन भारत विरोधी तत्व अपना रास्ता साफ करने के प्रयासों के लिए इसका एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं."

पत्रिका में यह भी कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय करदाताओं के धन से चलता है और देश के लिए भारतीय कानून के अनुसार काम करता है. संपादकीय में बीबीसी के वृत्तचित्र को भारत को बदनाम करने के लिए एक दुष्प्रचार करार देते हुए कहा गया कि यह असत्य और कल्पनाओं पर आधारित है. इसमें यह भी कहा गया है कि सभी देश-विरोधी ताकतें हमारे लोकतंत्र, हमारी उदारता और हमारी सभ्यता के मानकों के प्रावधानों का हमारे खिलाफ फायदा उठाती हैं. उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते विवादित वृत्तचित्र के मद्देनजर भारत में बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया था. सोशल मीडिया मंचों पर वृत्तचित्र की पहुंच को रोकने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक और जत्थे पर अप्रैल में सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र से जुड़े सोशल मीडिया लिंक को बैन करने के आदेश पर केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय से मिले नोटिस की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने आलोचना की है. आरएसएस ने साफ-साफ कहा कि भारत विरोधी तत्व उच्चतम न्यायालय को 'हथियार' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. संगठन से संबंधित साप्ताहिक पत्रिका 'पाञ्चजन्य' में इस बात का जिक्र किया गया है. पत्रिका ने कहा कि भारत विरोधी तत्व कथित रूप से शीर्ष अदालत का 'औजार' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.

पत्रिका के ताजा संस्करण के एक संपादकीय में कहा गया है कि मानवाधिकारों के नाम पर आतंकवादियों को बचाने के प्रयासों और पर्यावरण के नाम पर भारत के विकास में बाधाएं पैदा करने के बाद अब यह कोशिश की जा रही है कि देश विरोधी ताकतों को भारत में दुष्प्रचार करने का अधिकार हो. बीबीसी के वृत्तचित्र को लेकर शीर्ष अदालत के नोटिस का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया, "हमारे देश के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई थी, लेकिन भारत विरोधी तत्व अपना रास्ता साफ करने के प्रयासों के लिए इसका एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं."

पत्रिका में यह भी कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय करदाताओं के धन से चलता है और देश के लिए भारतीय कानून के अनुसार काम करता है. संपादकीय में बीबीसी के वृत्तचित्र को भारत को बदनाम करने के लिए एक दुष्प्रचार करार देते हुए कहा गया कि यह असत्य और कल्पनाओं पर आधारित है. इसमें यह भी कहा गया है कि सभी देश-विरोधी ताकतें हमारे लोकतंत्र, हमारी उदारता और हमारी सभ्यता के मानकों के प्रावधानों का हमारे खिलाफ फायदा उठाती हैं. उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते विवादित वृत्तचित्र के मद्देनजर भारत में बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया था. सोशल मीडिया मंचों पर वृत्तचित्र की पहुंच को रोकने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक और जत्थे पर अप्रैल में सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 16, 2023, 12:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.