नई दिल्ली : देश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है. केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई इस धनराशि से देश में मछली पकड़ने के लिए आधुनिक बंदरगाहों और मछली लैंडिंग सेंटरों का विकास किया जाएगा. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मुताबिक, मार्च 2022 में सागरमाला योजना के अंतर्गत बंदरगाह नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के साथ कन्वर्जन्स में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की एक बड़ी शुरुआत की गई थी. इसके जरिए थोप्पुमपडी में कोचिन फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए कोचिन पोर्ट ट्रस्ट के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी. यहां कुल 169.17 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी गई थी.
-
Laid the stone of the modernization of Cochin Fishing Harbour at Thoppumpady with a 100% central assistance in virtual presence of my cabinet colleague @sarbanandsonwal Ji The project itself holds great promise for the fishing community and the region as a whole. pic.twitter.com/fmIPKCEnz0
— Parshottam Rupala (@PRupala) June 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Laid the stone of the modernization of Cochin Fishing Harbour at Thoppumpady with a 100% central assistance in virtual presence of my cabinet colleague @sarbanandsonwal Ji The project itself holds great promise for the fishing community and the region as a whole. pic.twitter.com/fmIPKCEnz0
— Parshottam Rupala (@PRupala) June 11, 2023Laid the stone of the modernization of Cochin Fishing Harbour at Thoppumpady with a 100% central assistance in virtual presence of my cabinet colleague @sarbanandsonwal Ji The project itself holds great promise for the fishing community and the region as a whole. pic.twitter.com/fmIPKCEnz0
— Parshottam Rupala (@PRupala) June 11, 2023
मंत्रालय का कहना है कि इस परियोजना का लाभ कोचिन मछली पकड़ने के बंदरगाह पर 700 मछली पकड़ने वाली नौकाओं के नाविकों को होगा. इन नौकाओं से लगभग 10000 मछुआरों को प्रत्यक्ष आजीविका मिलेगी और लगभग 30000 मछुआरों को अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका अर्जित करने में सहायता मिलेगी. आधुनिकीकरण परियोजना से इस क्षेत्र में स्वच्छता की स्थितियों में पर्याप्त सुधार होगा और मछली और मत्स्य उत्पादों के निर्यात से आय में वृद्धि में होगी.
आधुनिकीकरण के अंतर्गत शुरू की गई मुख्य गतिविधियों में वातानुकूलित नीलामी हॉल, मछली ड्रेसिंग इकाई, पैकेजिंग इकाई, आंतरिक सड़कें, लोडिंग और अनलोडिंग प्लेटफॉर्म, कार्यालय, डॉरमेट्री और फूड कोर्ट की स्थापना शामिल है. केंद्रीय मंत्रालय ने बताया कि इस परियोजना में सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत 55.85 करोड़ रुपये के कोल्ड स्टोरेज, स्लरी और ट्यूब आइस प्लांट, मल्टी-लेवल कार पार्किं ग सुविधा, रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट, फूड कोर्ट, खुदरा बाजार आदि की स्थापना की जाएगी.
इस बीच रविवार को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार ने मस्त्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ), सागरमाला योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पकड़ने के आधुनिक बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास के लिए सरकार ने 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की स्वीकृति दी है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरषोत्तम रूपाला तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को केरल के कोचिन पोर्ट अथॉरिटी विलिंगडन द्वीप थोप्पुमपडी के समुद्रिका हॉल में कोचिन फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और उन्नयन की परियोजना की आधारशिला भी रखी.
ये भी पढ़ें - कश्मीर का स्वर्ण मुकुट कोकरनाग : प्राकृतिक सौन्दर्य और रेनबो ट्राउट मछली पालन के लिए मशहूर
(आईएएनएस)