सवाई माधोपुर. आरपीएफ एएसआइ टीकाराम मीणा का पुरे राजकीय सम्मान के साथ आज उसके गांव में अंतिम संस्कार हुआ. बता दें कि मुम्बई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में हुई फायरिंग की घटना के करीब 50 घंटे बाद एएसआइ टीकाराम मीणा का पार्थिव शरीर पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन से आज अल सुबह मुंबई से सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पहुँचा. जहाँ पहले से ही सैंकड़ों ग्रामीण उनके पार्थिव शरीर को रेलवे स्टेशन पर रिसीव करने के लिए मौजूद थे. साथ ही पुलिस एवं आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहे.
ट्रेन से शव उतारने के बाद रेलवे स्टेशन से एएसआई के पैतृक गांव श्यामपुरा तक शव यात्रा निकाली गई. जिसमें सैंकड़ों ग्रामीण एंव स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. शव के गांव पहुंचने पर एएसआई टीकाराम मीणा के आवास पर अंतिम दर्शन के लिए उनका शव घर के आंगन में रखा गया. इस दौरान मृतक टीकाराम मीणा को शहीद का दर्जा दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़ गए. प्रशासन को मांगे पूरी नहीं होने तक शव का अंतिम संस्कार नही करने की चेतावनी दे डाली.
ग्रामीणों की सूचना पर सवाई माधोपुर एसडीएम कपिल शर्मा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. इस दौरान अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. आरपीएफ अधिकारियों एवं एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद घर के नजदीक ही राजकीय सम्मान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया. शव को मुखाग्नि देने से पूर्व आरपीएफ एंव प्रशासनीक अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर दिवंगत टीकाराम को श्रद्धांजलि अर्पित की.
वहीं आरपीएफ ने एएसआई टीकाराम के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जिसके बाद उनके पुत्र राजेंद्र प्रसाद उर्फ दिलखुश ने मुखाग्नि दी. इस दौरान वंदे मातरम एवं भारत माता की जय जैसे नारे लगाए गए. आरपीएफ एएसआई टीकाराम मीणा के अंतिम संस्कार के दौरान सैंकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. वहीं कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. गौर है कि बीते सोमवार को पालघर में जयपुर-मुंबई ट्रेन में आरपीएफ कांस्टेबल चेतन ने फायरिंग कर दी थी. फायरिंग की घटना में तीन अन्य लोगों सहित आरपीएफ एएसआई टीकाराम मीणा की मौत हो गई थी. टीकाराम मीणा दादर मुम्बई में आरपीएफ में एएसआई के पद पर तैनात थे. घटना के 50 घंटे बाद टीकाराम मीणा का शव सवाई माधोपुर पहुँचा. जहां उनके पैतृक गांव श्यामपुरा में आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.