वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तौर पर शुरू होने वाली रोपवे सेवा को बेहद खास बनाए जाने की तैयारी चल रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि यूरोपियन टेक्नोलॉजी के आधार पर इस रोपवे के केबिन का पूरा डिजाइन तैयार किया गया है. जो हर मौसम में अंदर बैठे यात्रियों को अनुकूल और आरामदायक सफर देने में बिल्कुल सही साबित होगा.
इस संदर्भ में सूचना विभाग की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट में बताया गया है कि यात्रियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रोपवे में दिया जाएगा. हर मौसम में आरामदायक सफर यात्री कर सकेंगे. दिव्यांगजनों को कार केबिन में बैठने के लिए विशेष व्यवस्था होगी. अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए देश के पहले रोपवे के निर्माण के लिए काशी में काम शुरू हो चुका है. डबल इंजन सरकार की इस योजना से रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्रियों को काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट तक जाना आसान हो जाएगा. भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी.
रोपवे में वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था
काशी के विकास मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में है. काशी अपनी पुरातनता को कायम रखते हुए आधुनिक से तालमेल करती दिख रही है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए विश्व का तीसरा व भारत का पहला रोपवे काशी में संचालित होना है. डबल इंजन की सरकार रोपवे से यातायात को सुचारू बनाने और यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान दे रही है. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड की प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया कि प्रत्येक रोपवे में यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है. अत्यधिक गर्मी के समय रोपवे में वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था है.
सूर्य की किरणें हो जाएंगी रिफ्लेक्ट
उन्होंने बताया कि कार केबिन में लगी खिड़किया बेहद ख़ास होंगी, जिससे सूर्य की तेज किरणें खिड़कियों में लगे विशेष मटेरियल से रिफ्लेक्ट हो जाएंगी. इसके कारण अंदर का तापमान नियंत्रित रहेगा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि कार केबिन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है. दिव्यांगजन अपनी व्हीलचेयर के साथ इसमें बैठ सकते हैं. एक केबिन कार में 10 पैसेंजर बैठ सकते हैं. ये केबिन खास यूरोपियन डिजाइन की होंगी.
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