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दिल्ली पुलिस की अर्जी खारिज, पहलवान सुशील कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने रेसलर सागर धनखड़ (Wrestler Sagar Dhankhar) की हत्या मामले में गिरफ्तार ओलंपियन सुशील कुमार (Sushil Kumar) और साथी अजय की पुलिस हिरासत बढ़ाने की दिल्ली पुलिस की मांग को खारिज कर दिया है.

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Published : Jun 2, 2021, 11:01 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने रेसलर सागर धनखड़ (Wrestler Sagar Dhankhar) की हत्या मामले में गिरफ्तार ओलंपियन सुशील कुमार और साथी अजय की पुलिस हिरासत बढ़ाने की दिल्ली पुलिस की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने सुशील कुमार (Sushil Kumar) और अजय कुमार को 9 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार की तीन दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की थी.

'जांच में नहीं कर रहा सहयोग'

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि घटना के वीडियो में सुशील की भूमिका साफ दिखाई दे रही है, लेकिन वह स्वीकार नहीं कर रहा है. जब उसे जांच के लिए हरिद्वार लेकर गए थे, तो वहां भी उसने सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी तक डीवीआर बरामद नहीं हुआ है, जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है और हमें बरामद करना है. श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील बहुत ही चालाकी से उसे मिले हुए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कॉल कर रहा था, ताकि वह सीडीआर से बच सके. ऐसी स्थिति में सुशील और उसके साथी अजय की हिरासत बढ़ाने की जरूरत है.

'सुशील ने देश का दो बार मान बढ़ाया है'

सुशील कुमार की ओर से वकील प्रदीप राणा ने कहा कि इस मामले की शुरुआती जांच के समय से ही पुलिस ने असाधारण परिस्थितियां पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि सुशील कुमार कुख्यात अपराधी नहीं है. वह परिस्थितियों का शिकार है. उसने देश का मान न केवल एक बार, बल्कि दो बार बढ़ाया है. सुशील कुमार को राजीव गांधी खेलरत्न अवार्ड और पद्मभूषण पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस उसकी निजी स्वतंत्रता का ख्याल नहीं रख रही है.

राणा ने कहा कि पिछले दस दिनों में दिल्ली पुलिस एक डंडा नहीं खोज सकी है. 11 आरोपियों में से 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उनमें कई को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. राणा ने कहा कि इस केस की जांच से जुड़े एक-एक घंटे का हिसाब दिल्ली पुलिस को देना चाहिए कि उन्होंने क्या किया. कोर्ट पुलिस डायरी को देखे.

मोबाइल मिलेगा तो चार्जर खोजेगी दिल्ली पुलिस

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत की मांग की अर्जी में जो दलीलें दी थी. वहीं दलीलें इस अर्जी में भी है. वे मोबाइल जब्त करने के लिए हरिद्वार गए थे. वे इसके लिए हरिद्वार, रुड़की और भटिंडा गए. एक दिन वे कहेंगे कि उन्हें मोबाइल फोन मिल गया, लेकिन उन्हें चार्जर बरामद करना है. उन्होंने कहा कि अगर सुशील कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है, तो उसे स्पेशल सेल दिया जाए.

आज हिरासत खत्म हो रही थी

पिछले 29 मई को कोर्ट ने सुशील कुमार और अजय की पुलिस हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ाई थी, जो आज खत्म हो रही थी. 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि पिछले 23 मई को सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट ने पिछले 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

पढ़ेंः बिहार : मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33% सीटें आरक्षित होंगी

नई दिल्ली : दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने रेसलर सागर धनखड़ (Wrestler Sagar Dhankhar) की हत्या मामले में गिरफ्तार ओलंपियन सुशील कुमार और साथी अजय की पुलिस हिरासत बढ़ाने की दिल्ली पुलिस की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने सुशील कुमार (Sushil Kumar) और अजय कुमार को 9 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार की तीन दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की थी.

'जांच में नहीं कर रहा सहयोग'

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि घटना के वीडियो में सुशील की भूमिका साफ दिखाई दे रही है, लेकिन वह स्वीकार नहीं कर रहा है. जब उसे जांच के लिए हरिद्वार लेकर गए थे, तो वहां भी उसने सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी तक डीवीआर बरामद नहीं हुआ है, जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है और हमें बरामद करना है. श्रीवास्तव ने कहा कि सुशील बहुत ही चालाकी से उसे मिले हुए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कॉल कर रहा था, ताकि वह सीडीआर से बच सके. ऐसी स्थिति में सुशील और उसके साथी अजय की हिरासत बढ़ाने की जरूरत है.

'सुशील ने देश का दो बार मान बढ़ाया है'

सुशील कुमार की ओर से वकील प्रदीप राणा ने कहा कि इस मामले की शुरुआती जांच के समय से ही पुलिस ने असाधारण परिस्थितियां पैदा की हैं. उन्होंने कहा कि सुशील कुमार कुख्यात अपराधी नहीं है. वह परिस्थितियों का शिकार है. उसने देश का मान न केवल एक बार, बल्कि दो बार बढ़ाया है. सुशील कुमार को राजीव गांधी खेलरत्न अवार्ड और पद्मभूषण पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस उसकी निजी स्वतंत्रता का ख्याल नहीं रख रही है.

राणा ने कहा कि पिछले दस दिनों में दिल्ली पुलिस एक डंडा नहीं खोज सकी है. 11 आरोपियों में से 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उनमें कई को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. राणा ने कहा कि इस केस की जांच से जुड़े एक-एक घंटे का हिसाब दिल्ली पुलिस को देना चाहिए कि उन्होंने क्या किया. कोर्ट पुलिस डायरी को देखे.

मोबाइल मिलेगा तो चार्जर खोजेगी दिल्ली पुलिस

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत की मांग की अर्जी में जो दलीलें दी थी. वहीं दलीलें इस अर्जी में भी है. वे मोबाइल जब्त करने के लिए हरिद्वार गए थे. वे इसके लिए हरिद्वार, रुड़की और भटिंडा गए. एक दिन वे कहेंगे कि उन्हें मोबाइल फोन मिल गया, लेकिन उन्हें चार्जर बरामद करना है. उन्होंने कहा कि अगर सुशील कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है, तो उसे स्पेशल सेल दिया जाए.

आज हिरासत खत्म हो रही थी

पिछले 29 मई को कोर्ट ने सुशील कुमार और अजय की पुलिस हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ाई थी, जो आज खत्म हो रही थी. 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि पिछले 23 मई को सुबह दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार को मुंडका से गिरफ्तार किया था. रोहिणी कोर्ट ने पिछले 15 मई को सुशील पहलवान समेत नौ आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने सुशील पहलवान पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

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