नई दिल्ली : रालोद नेता जयंत ने भाजपा पर 'ध्रुवीकरण' का आरोप (allegation of polarization) लगाते हुए कहा कि मुस्लिम विरोधी बयान से कोई लाभ नहीं होने वाला है. चौधरी ने कहा कि मुस्लिम विरोधी बयानबाजी (anti muslim rhetoric) से भाजपा को कोई फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग इस तरह की राजनीति से तंग आ चुके (fed up with politics) हैं.
जयंत चौधरी (43) की पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन किया है. जयंत ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और इसके बजाय वह प्रचार पर ध्यान केंद्रित करेंगे. एक साक्षात्कार में चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं के सपा-रालोद गठबंधन में शामिल होने से पता चलता है कि गठबंधन सही मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और यह एक आकर्षक, व्यवहार्य विकल्प' है कि गठबंधन जमीनी स्तर का प्रतिनिधित्व करना चाहता है.
रालोद प्रमुख ने भरोसा जताया कि विपक्षी वोट विभाजित नहीं होंगे क्योंकि इस बार सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है. चौधरी ने कहा कि विपक्ष के वोट नहीं बंटेंगे, मुझे भरोसा है. पिछली बार भाजपा को वोट देने वाले लोग भी इस बार वास्तव में सपा के साथ हमारे गठबंधन के लिए मतदान करने वाले हैं. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मौजूदा सरकार ने पांच साल से अधिक समय में शासन, नेतृत्व और विकास के बारे में कुछ नहीं किया है.
सपा और रालोद में शामिल होने के लिए मंत्रियों, विधायकों और नेताओं के भाजपा छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि टिकट चाहने वाले, मौजूदा विधायक और राजनीतिक रूप से महत्व रखने वाले लोगों का गठबंधन में शामिल होना जमीनी स्तर पर मिल रहे समर्थन का संकेत है. चुनावों में ध्रुवीकरण और इससे निपटने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि लोग इससे निपट लेंगे, क्योंकि मतदाता बहुत समझदार होते हैं.
उन्होंने कहा कि हां, हाल के दिनों में राज्य में विघटनकारी, दिल को दहला देने वाली कई घटनाएं हुई हैं. लोगों को ठगे जाने का एहसास हुआ है. तथ्य यह है कि दंगे किसी की मदद नहीं करते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि लोग नफरत और समाज में घोले जा रहे जहर से दूर रहना चाहते हैं. चौधरी ने कहा कि उदाहरण के लिए अगर आप ध्यान दें तो मथुरा में मंदिर के मुद्दे को जगाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं हुआ और इसके समर्थन में दस लोग भी सड़कों पर नहीं उतरे.
उन्होंने कहा कि यह एक संकेत है कि लोग ध्रुवीकरण की राजनीति से तंग आ चुके हैं और मंदिर और मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के मुद्दे काम नहीं आएंगे. चौधरी ने भाजपा पर चुनावों के लिए ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक गियर वाली कार है जिसे वे चला रहे हैं और यह उन्हें पीछे की ओर ले जा रही है. रालोद प्रमुख ने कहा कि चुनावों के प्रमुख मुद्दों में किसानों का संकट शामिल होगा.
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उन्होंने कहा कि किसान आज इस तथ्य से बहुत परेशान हैं कि उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. बेशक, विधेयकों के खिलाफ (कृषि कानून) आंदोलन जिस तरह से सामने आया, जिस तरह से आंदोलनकारियों ने कड़ी मेहनत से जीत हासिल की, उसने किसानों में कुछ आत्मविश्वास पैदा किया है. यह चुनाव में एक बड़ा मुद्दा होने जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)