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लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ, एक क्लिक में समझें पूरा चारा घोटाला मामला

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. इसके साथ ही उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. लालू प्रसाद यादव फिलहाल एम्स दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं. चारा घोटाला क्या है और इस मामले में तारीख दर तारीख क्या हुआ, इसकी पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें.

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Published : Apr 17, 2021, 2:30 PM IST

रांचीः चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को जमानत दे दी है. लालू यादव की ओर से बताया गया है कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले उन्होंने आधी सजा पूरी कर ली गई है.

सीबीआई की ओर से जमानत का विरोध किया गया लेकिन अदालत ने सीबीआई के आग्रह को नकार दिया है. चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा और देवघर कोषागार मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि डोरंडा कोषागार मामले में सुनवाई जारी है. ऐसे में लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. लालू यादव फिलहाल एम्स दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं. उन्हें रिम्स रांची से 23 जनवरी 2021 को एम्स शिफ्ट किया गया था.

ये भी पढ़ें-लालू यादव के लिए खुशखबरी, झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत

चारा घोटाला मामला

27 जनवरी 1996 को पश्चिम सिंहभूम जिले में पशुधन विभाग पर तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के छापे के दौरान पता चला कि चारा सप्लाई के नाम पर जिन कंपनियों को भुगतान किया गया था, उन कंपनियों का अस्तित्व ही नहीं था. जांच में अलग अलग कोषागारों से करीब 950 करोड़ रुपए का घोटाला पाया गया. उस वक्त झारखंड बिहार से अलग नहीं हुआ था और राज्य में राष्ट्रीय जनता दल की सरकार थी. विपक्ष ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इतना बड़ा घोटाला सरकार की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता. उन्होंने घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए. सीबीआई ने जांच के बाद लालू यादव सहित 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं थीं.

लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ
लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ

छोड़नी पड़ी थी कुर्सी

27 जुलाई 1997 को लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 30 जुलाई को सीबीआई कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. 5 अक्टूबर 2001 को सुप्रीम कोर्ट ने नया राज्य झारखंड बनने के बाद मामला यहां स्थानांतरित कर दिया. 30 सितंबर 2013 को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोगों को दोषी करार दिया. लालू यादव पर झारखंड में चारा घोटाले के 4 मामले चल रहे हैं, जिसमें से तीन मामले में सजा दी गई है. लालू की तीनों सजा एक साथ चल रही है.

लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ
लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ

23 दिसंबर 2017 से कैद

लालू यादव 23 दिसंबर 2017 से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में हैं. खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल वे एम्स दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं. लालू यादव को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी प्रॉब्लम के साथ करीब एक दर्जन बीमारियों ने चपेट में ले रखा है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई स्थगित, सरकार के जवाब से अदालत संतुष्ट

कब-कब मिली जमानत

  1. चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.67 रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 3 अक्टूबर 2013 को 5-5 साल की सजा हुई थी. पहले मामले में उन्हें 13 दिसंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली तो दूसरे मामले में 9 अक्टूबर 2020 को झारखंड हाईकोर्ट से बेल मिल गई.
  2. देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 23 दिसंबर 2017 को साढ़े तीन साल की सजा हुई. इस मामले में भी उन्हें 12 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
  3. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 24 मार्च 2018 को 2 धाराओं में 7-7 साल की सजा और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा दी गई. इस मामले में उन्हें 21 अप्रैल 2021 को जमानत मिली.

चारा घोटाले में कब क्या हुआ

  • 27 जनवरी 1996 को पश्चिम सिंहभूम जिले में पशुधन विभाग पर तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे का छापा
  • 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए
  • 27 मार्च 1996 को चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की
  • 23 जून 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू यादव को आरोपी बनाया
  • 27 जुलाई 1997 को लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 30 जुलाई को सीबीआई कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
  • 5 अक्टूबर 2001 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से अलग होकर नया राज्य झारखंड बनने के बाद मामला यहां स्थानांतरित कर दिया
  • 30 सितंबर 2013 को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोगों को दोषी करार दिया
  • 3 अक्टूबर 2013 को चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.67 रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू को 5-5 साल की सजा, जगन्नाथ मिश्रा को 4 साल की जेल
  • 13 दिसंबर 2013 को चाईबासा कोषागार के पहले मामले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
  • 23 दिसंबर 2017 को देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा
  • 23 दिसंबर 2017 को लालू यादव रांची बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेजे गए,
  • 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में दो धाराओं में लालू को 7-7 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना
  • 12 जुलाई 2019 को देवघर कोषागार मामले में लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत
  • 9 अक्टूबर 2020 को चाईबासा कोषागार के दूसरे मामले में लालू यादव को हाई कोर्ट से जमानत
  • 21 अप्रैल 2021 को दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को जमानत
  • डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई जारी

रांचीः चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट ने दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को जमानत दे दी है. लालू यादव की ओर से बताया गया है कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले उन्होंने आधी सजा पूरी कर ली गई है.

सीबीआई की ओर से जमानत का विरोध किया गया लेकिन अदालत ने सीबीआई के आग्रह को नकार दिया है. चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा और देवघर कोषागार मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि डोरंडा कोषागार मामले में सुनवाई जारी है. ऐसे में लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. लालू यादव फिलहाल एम्स दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं. उन्हें रिम्स रांची से 23 जनवरी 2021 को एम्स शिफ्ट किया गया था.

ये भी पढ़ें-लालू यादव के लिए खुशखबरी, झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत

चारा घोटाला मामला

27 जनवरी 1996 को पश्चिम सिंहभूम जिले में पशुधन विभाग पर तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के छापे के दौरान पता चला कि चारा सप्लाई के नाम पर जिन कंपनियों को भुगतान किया गया था, उन कंपनियों का अस्तित्व ही नहीं था. जांच में अलग अलग कोषागारों से करीब 950 करोड़ रुपए का घोटाला पाया गया. उस वक्त झारखंड बिहार से अलग नहीं हुआ था और राज्य में राष्ट्रीय जनता दल की सरकार थी. विपक्ष ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि इतना बड़ा घोटाला सरकार की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता. उन्होंने घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए. सीबीआई ने जांच के बाद लालू यादव सहित 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं थीं.

लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ
लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ

छोड़नी पड़ी थी कुर्सी

27 जुलाई 1997 को लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 30 जुलाई को सीबीआई कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. 5 अक्टूबर 2001 को सुप्रीम कोर्ट ने नया राज्य झारखंड बनने के बाद मामला यहां स्थानांतरित कर दिया. 30 सितंबर 2013 को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोगों को दोषी करार दिया. लालू यादव पर झारखंड में चारा घोटाले के 4 मामले चल रहे हैं, जिसमें से तीन मामले में सजा दी गई है. लालू की तीनों सजा एक साथ चल रही है.

लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ
लालू यादव की रिहाई का रास्ता साफ

23 दिसंबर 2017 से कैद

लालू यादव 23 दिसंबर 2017 से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में हैं. खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल वे एम्स दिल्ली में इलाज करवा रहे हैं. लालू यादव को शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी प्रॉब्लम के साथ करीब एक दर्जन बीमारियों ने चपेट में ले रखा है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई स्थगित, सरकार के जवाब से अदालत संतुष्ट

कब-कब मिली जमानत

  1. चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.67 रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 3 अक्टूबर 2013 को 5-5 साल की सजा हुई थी. पहले मामले में उन्हें 13 दिसंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली तो दूसरे मामले में 9 अक्टूबर 2020 को झारखंड हाईकोर्ट से बेल मिल गई.
  2. देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 23 दिसंबर 2017 को साढ़े तीन साल की सजा हुई. इस मामले में भी उन्हें 12 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
  3. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू को 24 मार्च 2018 को 2 धाराओं में 7-7 साल की सजा और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा दी गई. इस मामले में उन्हें 21 अप्रैल 2021 को जमानत मिली.

चारा घोटाले में कब क्या हुआ

  • 27 जनवरी 1996 को पश्चिम सिंहभूम जिले में पशुधन विभाग पर तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे का छापा
  • 11 मार्च 1996 को पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए
  • 27 मार्च 1996 को चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की
  • 23 जून 1997 को सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू यादव को आरोपी बनाया
  • 27 जुलाई 1997 को लालू यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 30 जुलाई को सीबीआई कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
  • 5 अक्टूबर 2001 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से अलग होकर नया राज्य झारखंड बनने के बाद मामला यहां स्थानांतरित कर दिया
  • 30 सितंबर 2013 को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोगों को दोषी करार दिया
  • 3 अक्टूबर 2013 को चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.67 रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू को 5-5 साल की सजा, जगन्नाथ मिश्रा को 4 साल की जेल
  • 13 दिसंबर 2013 को चाईबासा कोषागार के पहले मामले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
  • 23 दिसंबर 2017 को देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा
  • 23 दिसंबर 2017 को लालू यादव रांची बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेजे गए,
  • 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में दो धाराओं में लालू को 7-7 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना
  • 12 जुलाई 2019 को देवघर कोषागार मामले में लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत
  • 9 अक्टूबर 2020 को चाईबासा कोषागार के दूसरे मामले में लालू यादव को हाई कोर्ट से जमानत
  • 21 अप्रैल 2021 को दुमका कोषागार मामले में लालू यादव को जमानत
  • डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई जारी
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