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कड़ाके की ठंड में जमे नदी-नाले, हिमाचल में पारा -16 डिग्री तक लुढ़का

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Published : Jan 21, 2021, 2:10 PM IST

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में झीलें, नदी और नाले जमने शुरू हो गए हैं. चंद्राघाटी के कोकसर से लेकर तांदी संगम तक नदी की कलकल करती धाराएं ठोस बर्फ बन चुकी हैं. इन दिनों न्यूनतम पारा शून्य से 16 डिग्री नीचे तक नीचे है. दिल के आकार की सिस्सू स्थित झील भी जमकर बर्फ बन चुकी है. प्रशासन इस साल पहली बार घाटी में स्नो फेस्टिवल मना रहा है.

कड़ाके की ठंड में जमे नदी-नाले
कड़ाके की ठंड में जमे नदी-नाले

शिमला : कड़ाके की ठंड पड़ने से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में झीलें, नदी और नाले जमने शुरू हो गए हैं. चंद्राघाटी के कोकसर से लेकर तांदी संगम तक नदी की कलकल करती धाराएं ठोस बर्फ बन चुकी हैं. इन दिनों न्यूनतम पारा शून्य से 16 डिग्री नीचे तक नीचे है. दिल के आकार की सिस्सू स्थित झील भी बर्फ बन चुकी है. प्रशासन इस साल पहली बार घाटी में स्नो फेस्टिवल मना रहा है.

झील के ऊपर मिलेगा आइस स्केटिंग का रोमांच
इससे शीघ्र ही इस झील के ऊपर आइस स्केटिंग का रोमांच भी देखने को मिलेगा. फिलहाल, यहां का सुंदर नजारा देखने के लिए अभी कोई पर्यटक नहीं आ रहा है. प्रशासन ने अभी तक पर्यटकों को अटल टनल रोहतांग को निहारने की अनुमति नहीं दी है. उधर, टनल के नॉर्थ पोर्टल से सिस्सू तक चंद्रभागा नदी के दोनों छोर भी कई जगह जमने से आपस में मिल गए हैं.

90 के दशक में घास के जूते पहन नदी पार करते थे लोग
स्थानीय बुजुर्ग कर्म सिंह, पामा छेरिंग, नमग्याल, बीर सिंह ने कहा कि 90 के दशक तक ग्रामीण नदी पर जमी आइस पर घास के जूते पहनकर नदी पार किया करते थे. उन्होंने कहा कि घाटी में इन दिनों कड़ाके की ठंड के कारण चंद्रभागा नदी के किनारे भी जम गए हैं. अब मार्च के दूसरे सप्ताह के बाद ही मौसम परिवर्तन पर नदी में जमी बर्फ टूटकर बहती नजर आएगी.

शिमला : कड़ाके की ठंड पड़ने से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में झीलें, नदी और नाले जमने शुरू हो गए हैं. चंद्राघाटी के कोकसर से लेकर तांदी संगम तक नदी की कलकल करती धाराएं ठोस बर्फ बन चुकी हैं. इन दिनों न्यूनतम पारा शून्य से 16 डिग्री नीचे तक नीचे है. दिल के आकार की सिस्सू स्थित झील भी बर्फ बन चुकी है. प्रशासन इस साल पहली बार घाटी में स्नो फेस्टिवल मना रहा है.

झील के ऊपर मिलेगा आइस स्केटिंग का रोमांच
इससे शीघ्र ही इस झील के ऊपर आइस स्केटिंग का रोमांच भी देखने को मिलेगा. फिलहाल, यहां का सुंदर नजारा देखने के लिए अभी कोई पर्यटक नहीं आ रहा है. प्रशासन ने अभी तक पर्यटकों को अटल टनल रोहतांग को निहारने की अनुमति नहीं दी है. उधर, टनल के नॉर्थ पोर्टल से सिस्सू तक चंद्रभागा नदी के दोनों छोर भी कई जगह जमने से आपस में मिल गए हैं.

90 के दशक में घास के जूते पहन नदी पार करते थे लोग
स्थानीय बुजुर्ग कर्म सिंह, पामा छेरिंग, नमग्याल, बीर सिंह ने कहा कि 90 के दशक तक ग्रामीण नदी पर जमी आइस पर घास के जूते पहनकर नदी पार किया करते थे. उन्होंने कहा कि घाटी में इन दिनों कड़ाके की ठंड के कारण चंद्रभागा नदी के किनारे भी जम गए हैं. अब मार्च के दूसरे सप्ताह के बाद ही मौसम परिवर्तन पर नदी में जमी बर्फ टूटकर बहती नजर आएगी.

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