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दो दिनों से बंद पड़ा ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे, सिरोहबगढ़ में दरका पहाड़ - Rishikesh Badrinath Highway closed

रुद्रप्रयाग में जनपद में लगातार बारिश होने से केदारनाथ यात्रा धीमी हो गई है. बीते रोज सुबह 10 बजे बंद हुई केदारनाथ यात्रा को आज फिर खोला गया है. वहीं, बारिश और भूस्खलन के कारण बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगढ़ में दो दिन से बंद है. यहां पर लगातार भूस्खलन हो रहा है. बदरीनाथ हाईवे का पर पहाड़ दरकने का वीडियो भी सामने आया है.

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Published : Jul 1, 2022, 3:20 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में मॉनसून की तस्तक के बाद रुद्रप्रयाग जनपद में लगातार बारिश जारी है. लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है. गुरुवार (30 जून) सुबह 10 बजे केदारनाथ धाम की यात्रा बारिश होने के कारण रोक दी गई थी और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया था. आज मौसम साफ होने के बाद एक बार फिर से यात्रा शुरू की गई है.

लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है. दस हजार से घटकर धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या महज दो से तीन हजार तक सिमट गई है. वहीं, दूसरी ओर दो दिनों से बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में बंद है. यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहा है.

वीडियो में देखें कैसे दरका पहाड़

वहीं, बीते दिन से लगातार बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन का सिलसिला जारी है. बारिश और भूस्खलन के कारण बदरीनाथ हाईवे दो दिनों से रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सिरोबगड़ में बंद है. यहां पर पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है, जिस कारण हाईवे को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं. फिलहाल, वाहनों को वैकल्पिक मार्ग डुंगरी पथ-खेड़ाखाल से भेजा जा रहा है.
पढ़ें- मॉनसून की पहली बारिश ने बरपाया कहर, 150 से ज्यादा सड़कें बंद, 6 की मौत, 400 यात्री रोके गए

सिरोहबगढ़ हाईवे 36 घंटे से बंद: जनपद में भारी बारिश के कारण सिरोहबगढ़ हाईवे करीब 36 घंटे के बंद पड़ा है. 36 घंटे बीत जाने को बाद भी सिरोहबगढ़ में मलबा और बोल्डर नहीं हटाए जा सके हैं. डीएम पौड़ी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र सिरोहबगढ़ में एनएच की जेसीबी मशीनें तैनात हैं. मार्ग पर लाखों टन मलबा और बोल्डर आने से काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. हालांकि, यातायात को डायवर्ट किया गया है.
पढ़ें- मॉनसून की पहली बारिश ने बरपाया कहर, 150 से ज्यादा सड़कें बंद, 6 की मौत, 400 यात्री रोके गए

डीएम ने बताया कि खांकरा-छातीखाल और खांकरा-खेड़ाखाल मार्ग को वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि, इससे यात्रियों को कुछ किलोमीटर अतिरिक्त दौड़ लगानी पड़ रही है लेकिन फिलहाल यही विकल्प मौजूद है. जबकि छोटे वाहनों को चमधार से डायर्वट कर यातायात की व्यवस्था की जा रही है. कहा कि जल्द ही सिरौहबगढ़ से यातायात सुचारू होने की उम्मीद है.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में मॉनसून की तस्तक के बाद रुद्रप्रयाग जनपद में लगातार बारिश जारी है. लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है. गुरुवार (30 जून) सुबह 10 बजे केदारनाथ धाम की यात्रा बारिश होने के कारण रोक दी गई थी और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया था. आज मौसम साफ होने के बाद एक बार फिर से यात्रा शुरू की गई है.

लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है. दस हजार से घटकर धाम जाने वाले यात्रियों की संख्या महज दो से तीन हजार तक सिमट गई है. वहीं, दूसरी ओर दो दिनों से बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में बंद है. यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहा है.

वीडियो में देखें कैसे दरका पहाड़

वहीं, बीते दिन से लगातार बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन का सिलसिला जारी है. बारिश और भूस्खलन के कारण बदरीनाथ हाईवे दो दिनों से रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सिरोबगड़ में बंद है. यहां पर पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है, जिस कारण हाईवे को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं. फिलहाल, वाहनों को वैकल्पिक मार्ग डुंगरी पथ-खेड़ाखाल से भेजा जा रहा है.
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सिरोहबगढ़ हाईवे 36 घंटे से बंद: जनपद में भारी बारिश के कारण सिरोहबगढ़ हाईवे करीब 36 घंटे के बंद पड़ा है. 36 घंटे बीत जाने को बाद भी सिरोहबगढ़ में मलबा और बोल्डर नहीं हटाए जा सके हैं. डीएम पौड़ी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र सिरोहबगढ़ में एनएच की जेसीबी मशीनें तैनात हैं. मार्ग पर लाखों टन मलबा और बोल्डर आने से काम में बाधा उत्पन्न हो रही है. हालांकि, यातायात को डायवर्ट किया गया है.
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डीएम ने बताया कि खांकरा-छातीखाल और खांकरा-खेड़ाखाल मार्ग को वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि, इससे यात्रियों को कुछ किलोमीटर अतिरिक्त दौड़ लगानी पड़ रही है लेकिन फिलहाल यही विकल्प मौजूद है. जबकि छोटे वाहनों को चमधार से डायर्वट कर यातायात की व्यवस्था की जा रही है. कहा कि जल्द ही सिरौहबगढ़ से यातायात सुचारू होने की उम्मीद है.

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