नई दिल्ली : जमीयत उलमा-ए-हिंद ने रिंकू शर्मा की हत्या के बाद मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ भड़काने की कथित घटनाओं पर चिंता व्यक्त की. इसके साथ ही ऐसे लोगों पर नकेल लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग की.
जमीयत के प्रवक्ता नियाज फारूकी ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि रिंकू शर्मा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस का बयान सही समय पर आया था, इसकी हम लोग तारीफ करते हैं, लेकिन इसके एक दिन बाद बड़ी तादाद में लोग सामाजिक सद्भाव को बाधित करने के उद्देश्य से मंगोलपुरी इलाके का दौरा करते हैं और भड़काऊ बयान देते हैं. यह सब पुलिस की नाक के नीचे हुआ.
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कहा था कि यह मामला सांप्रदायिक नहीं था. इसके साथ ही पुलिस ने कहा था कि 10 फरवरी को मंगोलपुरी इलाके में जन्मदिन की पार्टी में हाथापाई के दौरान रिंकू शर्मा को चाकू घोंप दिया गया. इसके बाद उसने दम तोड़ दिया.
फारूकी ने कहा कि देश की पुलिस और अधिकारियों को यह सीखना चाहिए कि पिछले साल पूर्वोत्तर दिल्ली में क्या हुआ था. रिंकू शर्मा की हत्या को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम तत्वों को जो सांप्रदायिक माहौल बनाने चाहते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. मंगोलपुरी में भय का माहौल बना हुआ है. पुलिस को मंगोलपुरी में रहने वाले लोगों को दिलाशा दिलानी चाहिए. मामला ज्यादा न भड़के इसके लिए प्रशासन द्वारा हर संभव कदम उठाना चाहिए.
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जमीयत के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम सभी रिंकू शर्मा की हत्या से दुखी हैं और उनके परिवार के साथ दुख साझा करेंगे, लेकिन इसे सांप्रदायिक दुश्मनी नहीं कहा जा सकता है. इसके लिए पुलिस पूरे मुस्लिम समुदाय को दोषी ठहराने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.
गौरतलब है कि रिंकू शर्मा की बीते 10 फरवरी को चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसमें रिंकू के परिवार ने आरोप लगाया था कि वह इलाके में जय श्रीराम के नारे लगाता था, जिस पर विशेष समुदाय के कुछ लड़कों को एतराज था. इसी को लेकर पहले भी कई बार दोनों में झगड़ा हो चुका था.