कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चुनावी सहयोगी रहे माकपा और कांग्रेस (CPIM and Congress) के बीच हत्या के 50 साल पुराने मामले को लेकर संबंधों में दरार देखने को मिल रही है.
राज्यसभा सदस्य विकास भट्टाचार्य द्वारा सेनबाड़ी घटना के संबंध में सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के बाद दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
इस हत्याकांड के दौरान राजनीतिक झुकाव के चलते एक ही परिवार के कुछ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.
कांग्रेस ने ये किया दावा
कांग्रेस का दावा है कि इस घटना का आरोप अभी भी लोग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) पर लगाते हैं जबकि भट्टाचार्य ने जोर दिया कि वह इस पोस्ट के जरिए उस समय जो हुआ, उसकी असल तस्वीर को सामने लाए हैं.
आरोप लगते रहे हैं कि मार्च 1970 में माकपा की एक रैली के दौरान सेन परिवार के कुछ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी जोकि कांग्रेस के समर्थक थे.
पत्र लिखकर की शिकायत
पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई के संचार प्रकोष्ठ ने माकपा के प्रदेश महासचिव सुरजयकांत मिश्रा को पत्र लिखकर भट्टाचार्य की सोशल मीडिया पोस्ट के बाबत शिकायत की है और पूछा है कि क्या उनकी पार्टी का भी इस बारे में वही विचार है जो उनके सांसद का है?
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पत्र में कहा गया, 'इस तरह के विवाद खड़े करने की कोई वजह नहीं है. लोग सेनबाड़ी घटना के लिए अभी भी माकपा को जिम्मेदार ठहराते हैं.'
पार्टी ने नहीं दिया जवाब
पार्टी ने पत्र का अभी तक जवाब नहीं दिया है जबकि भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने उस समय हुई घटना की असल तस्वीर साझा की है. राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'हम वर्ष 1970 में हुई एक घटना को ध्यान में रखकर गठबंधन में नहीं आए थे. हम भविष्य के बिंदुओं को लेकर साथ आए.'
(पीटीआई-भाषा)