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पूर्वी बर्दवान: पिता के सपने को पंख देने के लिए हेलिकॉप्टर बना रहे रेजौल

पूर्व बर्धमान, पूर्वस्थली-1 प्रखंड के घोला क्षेत्र निवासी रेजौल शेख पांचवीं की परीक्षा पास नहीं कर सका. अब वह बिना किसी प्रशिक्षण के घर पर हेलीकॉप्टर बना रहा है.

पूर्वी बर्दवान
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Published : Sep 16, 2022, 9:56 AM IST

पूर्वी बर्दवान: पांचवीं कक्षा की परीक्षा पास ना करने वाले छात्र बड़ा होकर हेलीकॉप्टर बनायेगा ऐसा किसने सोचा होगा. हालांकि पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में रहने वाले रेजौल शेख ऐसे ही एक शख्स है. रेजौल शेख है पूर्व बर्धमान जिले के पुरबस्थली-1 प्रखंड के घोला क्षेत्र का रहने वाला है. जब ईटीबी भारत की टीम रेजौल के घर पहुंची तो देखा कि खुले आसमान के नीचे उनके हेलीकॉप्टर बनाने का काम चल रहा है. रेजौल शेख ने कहा कि वह पांचवीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं गया.

पढ़ें: चेहरे के अनुसार डिजिटल रूप से मुद्रित मास्क बना रहे बिल्लू

रेजौल एक सफल व्यवसायी हैं उनका अर्थ मूवर का व्यवसाय है एक ऑर्केस्ट्रा टीम भी है. उन्होंने कहा कि पैसों की कभी कोई कमी नहीं रही. रेजौल ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि कुछ ऐसा करना जिससे देश की जनता उनके बारे में जान सके. इसी से प्रेरित होकर रेजौल ने हेलीकॉप्टर बनाने का फैसला किया. इस काम पर वह अब तक करीब 30 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. हेलीकॉप्टर को पूरी तरह बनाने में करीब 65 लाख रुपये का खर्च आएगा.

पढ़ें: INOVATION : एक मशीन जो बिना डिटर्जेंट और पानी के 80 सेकंड में धोती है कपड़े

रेजाउल ने कहा, शुरुआत में सभी उनके हेलीकॉप्टर बनाने की योजना पर हंसते थे लेकिन इससे रेजौल का जोश कम नहीं हुआ. कोलकाता, पानागढ़ सहित विभिन्न जगहों से हेलीकॉप्टर बनाने के उपकरण लाकर रेजाउल ने काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक से हेलीकॉप्टर का इंजन लायेंगे. उन्होंने कहा कि उनके वाहन में पांच लोगों के बैठने की व्यवस्था है. हालांकि, यह यात्री हेलीकॉप्टर नहीं है बल्कि वह इसे भारी माल के परिवहन को ध्यान में रखकर बना रहे हैं. उसे काम पूरा करने में अभी भी छह महीने लगेंगे. कलनार बेगपुर निवासी रफीक शेख को लोगों से रेजौल के हेलीकॉप्टर के बारे में पता चला. तो वह हेलीकॉप्टर देखने रेजौल शेख के घर पहुंच गये.

पूर्वी बर्दवान: पांचवीं कक्षा की परीक्षा पास ना करने वाले छात्र बड़ा होकर हेलीकॉप्टर बनायेगा ऐसा किसने सोचा होगा. हालांकि पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में रहने वाले रेजौल शेख ऐसे ही एक शख्स है. रेजौल शेख है पूर्व बर्धमान जिले के पुरबस्थली-1 प्रखंड के घोला क्षेत्र का रहने वाला है. जब ईटीबी भारत की टीम रेजौल के घर पहुंची तो देखा कि खुले आसमान के नीचे उनके हेलीकॉप्टर बनाने का काम चल रहा है. रेजौल शेख ने कहा कि वह पांचवीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं गया.

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रेजौल एक सफल व्यवसायी हैं उनका अर्थ मूवर का व्यवसाय है एक ऑर्केस्ट्रा टीम भी है. उन्होंने कहा कि पैसों की कभी कोई कमी नहीं रही. रेजौल ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि कुछ ऐसा करना जिससे देश की जनता उनके बारे में जान सके. इसी से प्रेरित होकर रेजौल ने हेलीकॉप्टर बनाने का फैसला किया. इस काम पर वह अब तक करीब 30 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. हेलीकॉप्टर को पूरी तरह बनाने में करीब 65 लाख रुपये का खर्च आएगा.

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रेजाउल ने कहा, शुरुआत में सभी उनके हेलीकॉप्टर बनाने की योजना पर हंसते थे लेकिन इससे रेजौल का जोश कम नहीं हुआ. कोलकाता, पानागढ़ सहित विभिन्न जगहों से हेलीकॉप्टर बनाने के उपकरण लाकर रेजाउल ने काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक से हेलीकॉप्टर का इंजन लायेंगे. उन्होंने कहा कि उनके वाहन में पांच लोगों के बैठने की व्यवस्था है. हालांकि, यह यात्री हेलीकॉप्टर नहीं है बल्कि वह इसे भारी माल के परिवहन को ध्यान में रखकर बना रहे हैं. उसे काम पूरा करने में अभी भी छह महीने लगेंगे. कलनार बेगपुर निवासी रफीक शेख को लोगों से रेजौल के हेलीकॉप्टर के बारे में पता चला. तो वह हेलीकॉप्टर देखने रेजौल शेख के घर पहुंच गये.

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