मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह मामले पर संगीन आरोप लगाया गया है. सिंह के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड कसाब का मोबाइल फोन गायब करवाने में मदद की थी.
मुंबई पुलिस के रिटायर्ड एसीपी शमशेर खान पठान ने यह आरोप लगाया है. शमशेर खान पठान इस मामले में 26 सितंबर 2021 को मुंबई सीपी को एक पत्र के माध्यम से इसकी जांच कराने की मांग की है.
रिटायर्ड एसीपी ने आरोप लगाया है कि जहां कसाब को पकड़ा गया था, वहां परमबीर सिंह भी मौके पर मौजूद थे. तब परमबीर सिंह ने वह फोन अपने पास रख लिया था, जबकि उन्हें जांच अधिकारी रमेश महाले को देना चाहिए था.
बता दें कि, परमबीर सिंह ठाणे जिले में दर्ज वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के समक्ष पेश हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि सिंह पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे के करीब अपने वकील के साथ ठाणे नगर पुलिस थाना पहुंचे. उन्होंने बताया कि जांच दल संभवत: उनका बयान दर्ज करेगा. उन्होंने बताया कि जोनल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अविनाश अंबुरे थाना में मौजूद थे.
ठाणे पुलिस ने इस साल जुलाई में बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत के आधार पर सिंह और 28 अन्य के खिलाफ रंगदारी (वसूली) का मामला दर्ज किया था. मामले में सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था.
हाल में एक अदालत ने सिंह को भगोड़ा घोषित किया था और कई महीनों तक उनका कुछ अता-पता नहीं चल पाया था. वह गुरुवार को मुंबई पहुंचे. उनके आने के बाद मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने वसूली के एक अलग मामले में उनसे सात घंटे तक पूछताछ की.
सिंह पर महाराष्ट्र में वसूली के कुल पांच मामले दर्ज हैं. उन्हें इस साल मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारी के पद से उस समय हटा दिया गया था, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' के पास एक एसयूवी मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था और कारोबारी मनसुख हिरन की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी. एंटीलिया के पास मिले वाहन में विस्फोटक बरामद हुए थे.
उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था.