नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी ने बुधवार को कहा कि केरल और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से उनकी पार्टी की एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर वापसी करेगी. चांडी ने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद 2024 में केंद्र की सत्ता में आने का रास्ता भी खुलेगा.
केरल में कांग्रेस की अगुवाई वाले मोर्चे यूडीएफ की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में शुमार चांडी ने यह भी कहा कि उनके गठबंधन के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री को लेकर फैसला करने में कोई समस्या नहीं होगी. इस संदर्भ में पार्टी आलाकमान का निर्णय सभी नेताओं को स्वीकार होगा. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछली बार की तरह इस चुनाव में भी राज्य में भाजपा हाशिए पर रहेगी. साल 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक सीट हासिल हुई थी.
उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के जीत की उम्मीद जताते हुए कहा कि माकपा की अगुवाई वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने पिछले चुनाव में जनता से कई वादे किए थे, लेकिन पांच साल तक सत्ता में रहने के बावजूद एक भी वादा पूरा नहीं किया. चांडी ने कहा कि पिछले चुनाव में एलडीएफ ने यूडीएफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए, लेकिन गत पांच वर्षों में वो कुछ नहीं कर पाए.
कांग्रेस महासचिव ने भाजपा और वाम मोर्चे के बीच मिलीभगत होने का दावा किया और आरोप लगाया कि ये दोनों सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर छींटाकशी करते हैं, लेकिन अंदरखाने दोनों का मकसद कांग्रेस को हराना है. चांडी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केरल, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों से कांग्रेस का राष्ट्रीय राजनीति में एक बार फिर उभार होगा तथा 2024 में केंद्र की सत्ता में वापसी की दिशा में बढ़ने का सिलसिला शुरू होगा.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम (इन राज्यों) में उत्साजनक नतीजों की उम्मीद करते हैं. ‘मेट्रोमैन’ ई श्रीधरन के भाजपा में शामिल होने पर केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘श्रीधरन एक अच्छे इंसान और बेहतरीन टेक्नोक्रेट हैं’ लेकिन राजनीति में कदम रखने का उनका फैसला सही नहीं है. यूडीएफ की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बारे में पूछने पर चांडी ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बातचीत करके आलाकमान फैसला करता है. यह एक प्रक्रिया है.
खुद की दावेदारी से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा. इस पर आलाकमान को फैसला करना है. यह मैं जरूर कह सकता हूं कि हमें बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री का चयन करने में कोई समस्या नहीं होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वो सभी नेताओं को स्वीकार होगा.
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गौरतलब है कि केरल में सभी 140 विधानसभा सीटों के लिए छह अप्रैल को मतदान होगा. दो मई को मतगणना होगी. प्रदेश में यूडीएफ और एलडीएफ के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है.