नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर के फिर से खाेलने को सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन क्या करतारपुर को फिर से खोलना संभव है. साहिब कॉरिडोर भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार करेगा क्योंकि कई मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच तनाव जारी है?
ईटीवी भारत से बात करते हुए, विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ सुवराे कमल दत्ता (Dr Suvro Kamal Dutta) ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर सिख समुदाय के लिए काफी महत्व रखता है. न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका बहुत महत्व है. इसलिए, करतारपुर कॉरिडोर फिर से खोलने की जरूरत है. ताकि सिख तीर्थयात्री बिना किसी परेशानी के करतारपुर साहिब जा सकें.
उन्होंने कहा कि लेकिन इस मामले में बहुत सारी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर भी है. पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और हम इस सच्चाई को जानते हैं कि वह कैसे दुनिया भर में आतंकवाद फैलाता है और हमने देखा है कि जिस तरह से पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात करता है और हिंदू और सिख समुदाय को निशाना बनाता है, उनका जबरन धर्मांतरण और हत्या करता है.
हाल के वर्षों में, पाकिस्तान में गुरुद्वारों और मंदिरों पर हमले की पर्याप्त घटनाएं हुई हैं. ये प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्हाेंने कहा कि पहले, पाकिस्तान में सुरक्षा मुद्दों और फिर काेविड 19 के कारण करतारपुर को बंद करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने में कोई दिक्कत नहीं है और भारत की तरफ से सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं. उन्होंने दोहराया कि बहुत सारी जिम्मेदारी पाकिस्तानी पक्ष पर है.
यह पूछे जाने पर कि क्या करतारपुर काेरिडोर भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा सकता है. दत्ता ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंधों में कोई सुधार नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहेगा. विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने में उसकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
दत्ता ने कहा, आईएसआई, पाकिस्तान-तालिबान और अन्य सभी आतंकवादी संगठनों के बीच एक गुप्त तंत्र काम कर रहा है और पाकिस्तान ऐसा करना जारी रखेगा. उन्होंने कि मुझे नहीं लगता कि भारत-पाक संबंधों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होगा. संबंधों में सुधार के लिए, पाकिस्तान को इन मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है. आतंकवाद और आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई करें.
मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर कहा, देश 19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है और मुझे यकीन है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खोलने का पीएम @NarendraModi सरकार का फैसला पूरे देश में खुशी को और बढ़ा देगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर मार्च 2020 में कोविड -19 के मद्देनजर बंद कर दिया गया था. वाघा-अटारी सीमा के माध्यम से एक सीमित आवाजाही हो रही थी. दोनों देश प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. गुरु पर्व के महत्व को देखते हुए और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, हमने फैसला किया है कि 17-26 नवंबर के बीच लगभग 1,500 तीर्थयात्रियों का एक जत्था वाघा आईसीपी से पाकिस्तान जाएगा.
करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने पर चर्चा करने के लिए सोमवार को, पंजाब और दिल्ली राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
क्या है करतारपुर कॉरिडोर का मुद्दा
भारत और पाकिस्तान ने महीनों की बातचीत के बाद 24 अक्टूबर, 2019 को लंबे समय से चले आ रहे करतारपुर साहिब समझौते पर हस्ताक्षर किए.
करतारपुर कॉरिडोर तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने की अनुमति देता है ताकि वे पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा कर सकें. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) का अंतिम विश्राम स्थल है. यह पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत में गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है.