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'ग्लोबल साउथ' की बड़ी भूमिका का विरोध हो रहा है: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ समिट में समस्याओं को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ की वास्तविक और गंभीर चिंताओं पर जी20 का ध्यान वापस लाने के लिए याद किया जाएगा. Jaishankar on Global South, Global South, virtual conference of foreign ministers,External Affairs Minister Jaishankar

External Affairs Minister Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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By PTI

Published : Nov 17, 2023, 5:48 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने 'ग्लोबल साउथ' के देशों से आर्थिक उथल-पुथल के समय होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने का शुक्रवार को आह्वान किया और कहा कि कोविड-19 का दौर बुनियादी आवश्यकताओं के लिए दूर-दराज के भौगोलिक क्षेत्रों पर निर्भरता के खतरों की स्पष्ट याद दिलाता है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की मेजबानी में आयोजित 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की उपलब्धियों का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे इसने 'ग्लोबल साउथ' या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने का काम किया है. जयशंकर ने कहा, 'नई दिल्ली घोषणापत्र को ग्लोबल साउथ की वास्तविक और गंभीर चिंताओं पर जी20 का ध्यान वापस लाने के लिए याद किया जाएगा.'

  • Addressed the first Foreign Ministers’ session of the Voice of Global South Summit.

    Made the following points:

    1️⃣India walked the talk by hosting the 1st Voice of Global South Summit in January this year. This informed our approach to the G20 discussions throughout the year.… pic.twitter.com/iluyuQMUDe

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के संबंध में एक व्यापक संदेश है. विदेश मंत्री ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिए बिना कहा कि मौजूदा समय के प्रमुख मुद्दों के समाधान को आकार देने में 'ग्लोबल साउथ' की बड़ी भूमिका का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा, 'जब हम आगे देखते हैं, सभी के विश्वास के साथ, सभी के विकास का हमारा दृष्टिकोण साकार होने से बहुत दूर है. जब बदलाव प्राकृतिक नियम है तो हमारे समय के प्रमुख मुद्दों के समाधान को आकार देने में ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका का विरोध हो रहा है.'

जयशंकर ने कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' हमारी व्यक्तिगत चिंताओं से अवगत कराने और उभरती विश्व व्यवस्था के लिए हमारे साझा हितों को पेश करने के लिहाज से काफी प्रभावशाली हो सकता है. उन्होंने कहा, 'हमें आर्थिक उथल-पुथल से मुकाबला करने को लेकर अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में भी काम करने की जरूरत है. कोविड युग बुनियादी जरूरतों के लिए दूर-दराज के इलाकों पर निर्भरता के खतरों की याद दिलाता है.'

उन्होंने कहा, 'हमें न केवल उत्पादन को उदार बनाने और विविधता लाने की जरूरत है, बल्कि लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने और स्थानीय समाधानों को बढ़ावा देने की भी जरूरत है. तभी ग्लोबल साउथ अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता है.' जयशंकर ने नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'शायद, हमारी जी20 अध्यक्षता का सबसे संतोषजनक परिणाम अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना था. ऐसा करके, हमने अफ्रीका के 1.4 अरब लोगों को आवाज दी है.'

ये भी पढ़ें - निज्जर विवाद पर जयशंकर की कनाडा को दो टूक- पेश करें सबूत, हम जांच करने को तैयार हैं

नई दिल्ली : भारत ने 'ग्लोबल साउथ' के देशों से आर्थिक उथल-पुथल के समय होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने का शुक्रवार को आह्वान किया और कहा कि कोविड-19 का दौर बुनियादी आवश्यकताओं के लिए दूर-दराज के भौगोलिक क्षेत्रों पर निर्भरता के खतरों की स्पष्ट याद दिलाता है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की मेजबानी में आयोजित 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की उपलब्धियों का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे इसने 'ग्लोबल साउथ' या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को हल करने का काम किया है. जयशंकर ने कहा, 'नई दिल्ली घोषणापत्र को ग्लोबल साउथ की वास्तविक और गंभीर चिंताओं पर जी20 का ध्यान वापस लाने के लिए याद किया जाएगा.'

  • Addressed the first Foreign Ministers’ session of the Voice of Global South Summit.

    Made the following points:

    1️⃣India walked the talk by hosting the 1st Voice of Global South Summit in January this year. This informed our approach to the G20 discussions throughout the year.… pic.twitter.com/iluyuQMUDe

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के संबंध में एक व्यापक संदेश है. विदेश मंत्री ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिए बिना कहा कि मौजूदा समय के प्रमुख मुद्दों के समाधान को आकार देने में 'ग्लोबल साउथ' की बड़ी भूमिका का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा, 'जब हम आगे देखते हैं, सभी के विश्वास के साथ, सभी के विकास का हमारा दृष्टिकोण साकार होने से बहुत दूर है. जब बदलाव प्राकृतिक नियम है तो हमारे समय के प्रमुख मुद्दों के समाधान को आकार देने में ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका का विरोध हो रहा है.'

जयशंकर ने कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' हमारी व्यक्तिगत चिंताओं से अवगत कराने और उभरती विश्व व्यवस्था के लिए हमारे साझा हितों को पेश करने के लिहाज से काफी प्रभावशाली हो सकता है. उन्होंने कहा, 'हमें आर्थिक उथल-पुथल से मुकाबला करने को लेकर अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में भी काम करने की जरूरत है. कोविड युग बुनियादी जरूरतों के लिए दूर-दराज के इलाकों पर निर्भरता के खतरों की याद दिलाता है.'

उन्होंने कहा, 'हमें न केवल उत्पादन को उदार बनाने और विविधता लाने की जरूरत है, बल्कि लचीली और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने और स्थानीय समाधानों को बढ़ावा देने की भी जरूरत है. तभी ग्लोबल साउथ अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता है.' जयशंकर ने नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'शायद, हमारी जी20 अध्यक्षता का सबसे संतोषजनक परिणाम अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना था. ऐसा करके, हमने अफ्रीका के 1.4 अरब लोगों को आवाज दी है.'

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