जम्मू : कश्मीर वैली में तैनात किए जम्मू के आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन शनिवार को प्रदर्शन किया. ये कर्मचारी सरकार से गृह जिलों में तत्काल ट्रांसफर की मांग कर रहे हैं.
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक स्कूल में मंगलवार को आतंकवादियों ने उनकी सहयोगी रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी, इस वारदात के बाद ये कर्मचारी जम्मू लौट आए. ऑल जम्मू-बेस्ड रिजर्व कैटेगरी एंप्लॉयीज एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को प्रेस क्लब जम्मू से तवी ब्रिज के बीच एक मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों में सरकारी कर्मचारी और शिक्षक शामिल हैं, जो कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से किए जा रहे टारगेट किलिंग की घटनाओं के कारण कश्मीर से तबादले की मांग कर रहे हैं. वे सभी अपने गृह जिलों में तैनाती की मांग कर रहे हैं. इन कर्मचारियों ने साफ किया है कि वे मरना पसंद करेंगे मगर टारगेट किलिंग के बाद मौजूदा खतरनाक स्थिति में अपने ड्यूटी पर कश्मीर वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने सरकार से मांगों पर ध्यान देने और कश्मीर से जम्मू क्षेत्र में ट्रासंफर सुनिश्चित करने की अपील की है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पैकेज और अनुसूचित जाति जैसी श्रेणियों में करीब 6000 हिंदू कर्मचारियों को कश्मीर में ड्यूटी लगाई गई थी. इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर पॉलिसी के तहत करीब 8000 कर्मचारी अपने गृह जिले को छोड़कर अन्य जिलों में काम कर रहे हैं. इनमें से 80 फीसदी कर्मचारी टीचर रजनीबाला की हत्या के बाद जम्मू लौट आए हैं. इस बीच कश्मीर में टारगेट किलिंग के कारण प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने ऐसे 177 टीचर्स का ट्रांसफर घाटी से बाहर कर दिया है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय से आते हैं. सभी टीचर्स को कश्मीर के जिला मुख्यालयों में पोस्टिंग दी गई है.
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