हैदराबद : बिरला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान (Birla Institute of Technology and Science) के पिलानी हैदराबाद कैंपस शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके बाढ़ की स्थिति का आकलन (assessing flood conditions) करने में सफलता हासिल की है.
सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर (Professor of Civil Engineering) के श्रीनिवासराजा (K. Srinivasaraja) के नेतृत्व में एक शोध छात्र रामपल्ली माधुरी ( Rampalli Madhuri) ने शोध किया और इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया. केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र शशांक (Chemical Engineering student Shashank) ने इस प्रोजेक्ट में उनकी मदद की. यह विधि मानव भागीदारी के बिना बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान करने की अनुमति देती है.
इस मैथड के माध्यम से अगर प्रभावित क्षेत्रों को पहले से आकलन किया जाए और निवारक उपाय किए जाएं, तो उनको बाढ़ से बचाया जा सकता है.
शोधकर्ताओं ने जीएचएमसी सहित विभिन्न विभागों से 2000, 2006, 2016 के उच्चतम वर्षा विवरण के आधार पर मशीन लर्निंग (machine learning ) की सहायता से बाढ़ संभावित क्षेत्रों का विश्लेषण किया.
इस विधि में कंप्यूटर को वर्षा, सतह की स्थिति, ढलान वाले क्षेत्र, बाढ़ के मैदानों की निकटता, सतह के तापमान और ऊंचे पेड़ों के बारे में जानकारी प्रदान की गई. इसके बाद इसे एक्जिबिट एल्गोरिथम (Exhibit algorithm) का उपयोग करके अनुमानित शहर को एक ग्रिड के रूप में डिजाइन किया गया और फिर इसका मूल्यांकन किया गया.
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मूल्यांकन में पिछले साल की बाढ़ की तुलना में आंकड़ों का विश्लेषण सटीक था. माधुरी ने बताया कि 2040 और 2080 में बाढ़ की स्थिति का आकलन (estimating the flood situation ) करते हुए व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
इस शोध का विवरण प्रतिष्ठित यूके जर्नल ऑफ वॉटर एंड क्लाइमेट चेंज (Water and Climate Change) में सितंबर में प्रकाशित किया गया था.