नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहब दानवे ने लिखित में लोक सभा में जवाब दिया है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) समय-समय पर अपने गोदाम की स्थिति का निरीक्षण करता है. इसके अलावा विभिन्न गोदामों की भंडारण स्थिति भंडारण के लायक है या नहीं इस योग्यता को सुनिश्चित करने के लिए समस-समय पर गोदाम की मरम्मती जैसी सुधारात्मक कार्रवाई करता है.
उन्होंने कहा कि सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन (CWC) के पास कोई जीर्ण-शीर्ण गोदाम नहीं है. फिर भी सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन गोदाम में 41300 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले गोदामों को मरम्मत के लिए रखा गया है. जीर्ण-शीर्ण गोदामों जिनकी आयु पूर्ण हो गई है.
फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की खाली भूमि पर परंपरागत गोदाम बनाने की योजना तैयार की जा रही है. जहां आठ स्थानों पर रेलवे साइडिंग सिलोस को सम्मानित प्रस्तावित हैं. 3.3751 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले हब एवं स्पोक मॉडल सिलोस को सात स्थानों पर चिह्नित किया गया है. भंडारण सुविधाओं के उन्नयन एवं आधुनिकीकरण के लिए भारत सरकार ने देश में पीपीपी मॉडल(सार्वजनिक निजी भागीदारी) पर स्टील सिलोस के निर्माण की कार्य योजना बनाई है.
देश के विभिन्न स्थानों पर लगभग 30.75 LMT क्षमता वाले सिलोस प्रस्तावित है, जिसमें से 8.25 LMT की क्षमता पूर्ण है और शेष का विकास विभिन्न चरणों में किया जा रहा है. इतना ही नहीं हब एवं स्पोक मॉडल के तहत 35.875 LMT के क्षमता वाले सिलोस प्रस्तावित है.
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मौजूदा पारंपरिक गोदामों के आधुनिकीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसके तहत सीमेंट, कंक्रीट रोड, कलर कोटेड प्रोफाइल सीट छत एवं अन्य वार्षिक मरम्मत एवं रख-रखाव का काम किया जा रहा है. आधुनिकीकरण के क्रम में कुछ और परिवर्तन किए गए हैं, जैसे एस्बेस्टस का स्थान पर गैलवैल्यूम शीट, प्रकाश व्यवस्था के लिए पारदर्शी सीटें, टर्बो वेंटिलेटर एवं सीमेंट की सड़कें आदि शामिल हैं.