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Renewable Energy Sources 2023 तक दुनिया की 65 प्रतिशत बिजली मांग को पूरा कर सकते हैं- ऊर्जा मंत्री

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By PTI

Published : Oct 31, 2023, 12:50 PM IST

केंद्रीय बिजली और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि Renewable Energy Sources 2023 तक दुनिया की 65 प्रतिशत बिजली मांग को पूरा कर सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Renewable Energy Sources, world's electricity demand by 2023, Energy Minister, Union Power and Energy Minister R.K Singh, international solar alliance, Renewable Energy Sources ability to decarbonize)

Energy Minister R.K Singh
केंद्रीय बिजली और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय बिजली और ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की छठी सभा के उद्घाटन के मौके पर कहा कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों में 2030 तक दुनिया की कुल बिजली मांग की 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और 2050 तक 90 प्रतिशत बिजली क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की क्षमता है. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत 2030 तक दुनिया की कुल बिजली मांग में 65 प्रतिशत और 2050 तक 90 प्रतिशत तक योगदान दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि वैश्विक आबादी का करीब 80 प्रतिशत उन देशों में रहता है जो जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर हैं. इनकी कुल संख्या छह अरब है.

  • The Sixth Session of the International Solar Alliance Assembly will be held at Bharat Mandapam, Pragati Maidan on October 31, 2023.

    The Assembly will deliberate on ISA initiatives that impact energy access, energy security and energy transitions, with a focus on:… pic.twitter.com/e1xyAooH8P

    — PIB India (@PIB_India) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, मंत्री आर. के. सिंह international solar alliance के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में भी स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है. मंत्री ने कहा कि जब आईएसए अस्तित्व में आया तो हमारा लक्ष्य सौर ऊर्जा समाधानों को अपनाकर एक टिकाऊ दुनिया बनाना था. इसका उद्देश्य 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करना है, देशों के स्थापित लक्ष्यों और नीतियों के साथ तालमेल बिठाना और कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों को शामिल करने की आकांक्षाओं का विस्तार करना है. साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अधिक मिश्रित वित्त तथा जोखिम-साझाकरण सुविधाओं को अपनाना है.

ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह आगे कहा कि आइए हम सभा के इस सत्र को कर्तव्य, उद्देश्य और आशावाद की भावना के साथ स्वीकार करें. मुझे विश्वास है कि एक साथ मिलकर हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. सभा के सह-अध्यक्ष एवं फ्रांस के विकास, फ्रैंकोफोनी तथा अंतरराष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री क्रिसौला जाचारोपोलू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन ने एक कुशल व परिणाम-उन्मुख संगठन बनने की दिशा में प्रगति की है. यह वैश्विक स्तर पर अपने कार्यक्रमों को सक्रिय रूप से लागू करने में लगा हुआ है, जो विश्वव्यापी सौर ऊर्जा परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहा है.

  • India is leading from the front in clean energy transition. Domestic solar module manufacturing capacity sees a humongous 10-fold jump in 9 years. https://t.co/RvLN0Yh96L

    — Office of R.K. Singh (@OfficeOfRKSingh) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा में निवेश में 2020 के बाद से वार्षिक वृद्धि दर 12 प्रतिशत रही है. जो बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं द्वारा संचालित है. यह निवेश मुख्य रूप से कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को अलावा खासकर अफ्रीका में कुछ देशों में किया जा रहा है. बता दें, आईएसए की छठी सभा के उद्घाटन समारोह में 20 देशों के मंत्री, 116 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों तथा 18 संभावित देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

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नई दिल्ली : केंद्रीय बिजली और ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की छठी सभा के उद्घाटन के मौके पर कहा कि अक्षय ऊर्जा स्रोतों में 2030 तक दुनिया की कुल बिजली मांग की 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और 2050 तक 90 प्रतिशत बिजली क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की क्षमता है. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत 2030 तक दुनिया की कुल बिजली मांग में 65 प्रतिशत और 2050 तक 90 प्रतिशत तक योगदान दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि वैश्विक आबादी का करीब 80 प्रतिशत उन देशों में रहता है जो जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर हैं. इनकी कुल संख्या छह अरब है.

  • The Sixth Session of the International Solar Alliance Assembly will be held at Bharat Mandapam, Pragati Maidan on October 31, 2023.

    The Assembly will deliberate on ISA initiatives that impact energy access, energy security and energy transitions, with a focus on:… pic.twitter.com/e1xyAooH8P

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बता दें, मंत्री आर. के. सिंह international solar alliance के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में भी स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है. मंत्री ने कहा कि जब आईएसए अस्तित्व में आया तो हमारा लक्ष्य सौर ऊर्जा समाधानों को अपनाकर एक टिकाऊ दुनिया बनाना था. इसका उद्देश्य 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करना है, देशों के स्थापित लक्ष्यों और नीतियों के साथ तालमेल बिठाना और कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों को शामिल करने की आकांक्षाओं का विस्तार करना है. साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अधिक मिश्रित वित्त तथा जोखिम-साझाकरण सुविधाओं को अपनाना है.

ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह आगे कहा कि आइए हम सभा के इस सत्र को कर्तव्य, उद्देश्य और आशावाद की भावना के साथ स्वीकार करें. मुझे विश्वास है कि एक साथ मिलकर हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. सभा के सह-अध्यक्ष एवं फ्रांस के विकास, फ्रैंकोफोनी तथा अंतरराष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री क्रिसौला जाचारोपोलू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन ने एक कुशल व परिणाम-उन्मुख संगठन बनने की दिशा में प्रगति की है. यह वैश्विक स्तर पर अपने कार्यक्रमों को सक्रिय रूप से लागू करने में लगा हुआ है, जो विश्वव्यापी सौर ऊर्जा परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहा है.

  • India is leading from the front in clean energy transition. Domestic solar module manufacturing capacity sees a humongous 10-fold jump in 9 years. https://t.co/RvLN0Yh96L

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वहीं, आईएसए के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा में निवेश में 2020 के बाद से वार्षिक वृद्धि दर 12 प्रतिशत रही है. जो बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं द्वारा संचालित है. यह निवेश मुख्य रूप से कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को अलावा खासकर अफ्रीका में कुछ देशों में किया जा रहा है. बता दें, आईएसए की छठी सभा के उद्घाटन समारोह में 20 देशों के मंत्री, 116 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों तथा 18 संभावित देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

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