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पवन खेड़ा के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Supreme Court : पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. Pawan Khera

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सुप्रीम कोर्ट
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By PTI

Published : Jan 4, 2024, 3:21 PM IST

Updated : Jan 4, 2024, 3:32 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के चुनौती दी गई थी. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

  • Supreme Court declines to quash FIR and criminal proceedings registered against Congress leader Pawan Khera for allegedly making objectionable remarks against PM Narendra Modi

    — ANI (@ANI) January 4, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 अगस्त को खेड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के जांच अधिकारी ने जो सबूत जमा किए हैं, उनका मामले को रद्द करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में आकलन नहीं किया जा सकता.

शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के लिए असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों को पिछले साल 20 मार्च को मिला दिया था और उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया था. लखनऊ की अदालत ने मामले में खेड़ा को जमानत दे दी थी. खेड़ा ने कथित बयानों के लिए अदालत में बिना शर्त माफीनामा दिया है.

ये भी पढ़ें - सरकारी अधिकारियों को बार-बार कोर्ट में बुलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के चुनौती दी गई थी. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है.

  • Supreme Court declines to quash FIR and criminal proceedings registered against Congress leader Pawan Khera for allegedly making objectionable remarks against PM Narendra Modi

    — ANI (@ANI) January 4, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 अगस्त को खेड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के जांच अधिकारी ने जो सबूत जमा किए हैं, उनका मामले को रद्द करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में आकलन नहीं किया जा सकता.

शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के लिए असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों को पिछले साल 20 मार्च को मिला दिया था और उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया था. लखनऊ की अदालत ने मामले में खेड़ा को जमानत दे दी थी. खेड़ा ने कथित बयानों के लिए अदालत में बिना शर्त माफीनामा दिया है.

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Last Updated : Jan 4, 2024, 3:32 PM IST
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