मुंबई: मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि टीआरपी मामले में पत्रकार अरनब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी चैनलों का संचालन करने वाली एआरजी आउटलायर मीडिया के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ 16 मार्च तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
मुंबई पुलिस की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की पीठ को बताया कि गोस्वामी और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का जो बयान दिया था, उसे 16 मार्च तक विस्तारित किया जाएगा.
अदालत एआरजी आउटलायर मीडिया द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) के साथ कथित हेर-फेर के लिए मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और आरोपपत्र को चुनौती दी गयी है.
अदालत ने सिब्बल के बयान को स्वीकार लिया और मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की. पीठ पुलिस की जांच को चुनौती देने वाली एआरजी की मुख्य अर्जी तथा जांच को सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी को स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली अर्जी पर 16 मार्च को सुनवाई करेगी.
पढ़ें: महाराष्ट्र : नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल
एआरजी मीडिया और गोस्वामी ने टीआरपी मामले में राहत का अनुरोध करते हुए विभिन्न याचिकाएं दाखिल की थी.