ETV Bharat / bharat

कोविड से मौत, केंद्र और राज्यों के आंकड़ों में क्या है अंतर की वजह, समझें - parameters set by sc on covid death claims

भारत में कोविड की वजह से कितने लोगों की मौत हुई है, इस पर अभी भी विवाद जारी है. राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में मौतों का जो आंकड़ा सामने रखा है, वे आंकड़े केंद्र सरकार के आंकड़े से मेल नहीं खा रहे हैं. कुछ महीने पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट छापी थी. अखबार ने दावा किया था कि भारत में कोविड से हुई मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. हालांकि, अखबार ने जिस आधार पर आंकड़े दर्शाए थे, केंद्र सरकार ने उसे पूरी तरह से खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कोविड पॉजिटिव होने के 30 दिनों के अंदर अगर किसी व्यक्ति ने आत्महत्या भी कर ली है, तो उनका परिवार मुआवजा पाने का हकदार है. मौतों को लेकर किए जा रहे दावों में अंतर की यह भी एक वजह हो सकती है.

etv bharat
डिजाइन फोटो
author img

By

Published : Jan 24, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Jan 24, 2022, 9:30 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 4.87 लाख है. महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में सबसे अधिक संख्या में कोविड मरीजों की मौतें हुई हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकारों द्वारा जो आंकड़ा सौंपा गया है, उसके मुताबिक आंकड़े कुछ और हैं. ये आंकड़े केंद्र के आंकड़े से मेल नहीं खाते हैं. आश्चर्य की बात ये है कि तेलंगाना और गुजरात में कोरोना से होने वाली मौतों का दावा नौ गुना अधिक किया गया है. संख्या के आधार पर कहें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक अंतर पाया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में कोविड से मरने वालों की संख्या 10,174 है. लेकिन जब दावों की बात आई, तो 89,633 लोगों ने मुआवजा पाने के लिए दावा पेश किया. खुद राज्य सरकार ने 68,370 दावों पर अपनी मुहर लगा दी. 4,234 दावों को नकार दिया गया.

ऐसा ही हाल तेलंगाना का है. यहां पर कोरोना से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 4,062 है. लेकिन जब मुआवजा लेने की बात आई, तो 29,000 लोगों ने दावा ठोका. राज्य सरकार ने 15,270 दावों को सही पाया. इन दोनों राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र के आंकड़े सबसे अधिक हैं. यहां के आधिकारिक आंकड़े 1.41लाख हैं. लेकिन मुआवजा पाने को लेकर 2.13 लाख लोगों ने दावा कर दिया.

ऐसा नहीं है कि जितनी मौतों की रिपोर्टिंग हुई है, उससे अधिक संख्या में लोगों ने दावा कर दिया, कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां के आधिकारिक आंकड़ों से कम लोगों ने मुआवजा पाने के लिए दावा पेश किया है. इनमें राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा और असम शामिल हैं.

पंजाब में 16,557 लोगों की मौतें हुईं, लेकिन मुआवजा के लिए 8,786 लोगों ने ही दावा पेश किया. इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में 3,115 लोगों ने ही दावा पेश किया, जबकि आधिकारिक आंकड़ा 4,483 है. कर्नाटक में 38,376 लोगों की मौत हुई है, जबकि मुआवजा के लिए दावा 27,325 लोगों ने ही क्लेम किया.

death different states covid
मौत के आंकड़े और मुआवजा के लिए दावा करने वालों की संख्या

यहां यह जानना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर लोगों को मुआवजा दिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि आंकड़ों में विषमता को लेकर हम चिंतित नहीं हैं, बल्कि लोगों को राहत मिलनी चाहिए, यह हमारे लिए प्राथमिकता है.

केंद्र सरकार ने घोषणा कर रखी है कि कोरोना से हुई मौत पर प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. क्लेम करने वाले परिवारों को कोविड से हुई मौत का प्रमाण पत्र सौंपना होगा. यहां यह भी जानना जरूरी है कि आंकड़ों में अंतर के पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है.

कोर्ट के अनुसार कोविड पॉजिटिव होने के 30 दिनों के अंदर अगर किसी व्यक्ति ने आत्महत्या भी कर ली है, तो वह मुआवजा पाने का हकदार है, उसे कोविड से हुई मौत ही माना जाएगा. अगर उसकी मौत अस्पताल के बाहर हुई है, तो भी उसका परिवार मुआवजा पाने का हकदार है. कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि लोग मुआवजा के लिए दावा पेश करने सामने आएं, इसके लिए जरूरी है कि सरकार मीडिया के जरिए इस संदेश को गांव के स्तर तक प्रचारित करे.

ये भी पढ़ें : ओमीक्रोन के सब वैरिएंट BA.2 ने बढ़ाई चिंता, फरवरी तक आ सकती है एक और लहर

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 4.87 लाख है. महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में सबसे अधिक संख्या में कोविड मरीजों की मौतें हुई हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकारों द्वारा जो आंकड़ा सौंपा गया है, उसके मुताबिक आंकड़े कुछ और हैं. ये आंकड़े केंद्र के आंकड़े से मेल नहीं खाते हैं. आश्चर्य की बात ये है कि तेलंगाना और गुजरात में कोरोना से होने वाली मौतों का दावा नौ गुना अधिक किया गया है. संख्या के आधार पर कहें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक अंतर पाया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में कोविड से मरने वालों की संख्या 10,174 है. लेकिन जब दावों की बात आई, तो 89,633 लोगों ने मुआवजा पाने के लिए दावा पेश किया. खुद राज्य सरकार ने 68,370 दावों पर अपनी मुहर लगा दी. 4,234 दावों को नकार दिया गया.

ऐसा ही हाल तेलंगाना का है. यहां पर कोरोना से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 4,062 है. लेकिन जब मुआवजा लेने की बात आई, तो 29,000 लोगों ने दावा ठोका. राज्य सरकार ने 15,270 दावों को सही पाया. इन दोनों राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र के आंकड़े सबसे अधिक हैं. यहां के आधिकारिक आंकड़े 1.41लाख हैं. लेकिन मुआवजा पाने को लेकर 2.13 लाख लोगों ने दावा कर दिया.

ऐसा नहीं है कि जितनी मौतों की रिपोर्टिंग हुई है, उससे अधिक संख्या में लोगों ने दावा कर दिया, कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां के आधिकारिक आंकड़ों से कम लोगों ने मुआवजा पाने के लिए दावा पेश किया है. इनमें राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा और असम शामिल हैं.

पंजाब में 16,557 लोगों की मौतें हुईं, लेकिन मुआवजा के लिए 8,786 लोगों ने ही दावा पेश किया. इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में 3,115 लोगों ने ही दावा पेश किया, जबकि आधिकारिक आंकड़ा 4,483 है. कर्नाटक में 38,376 लोगों की मौत हुई है, जबकि मुआवजा के लिए दावा 27,325 लोगों ने ही क्लेम किया.

death different states covid
मौत के आंकड़े और मुआवजा के लिए दावा करने वालों की संख्या

यहां यह जानना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य सरकारों पर तीखी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर लोगों को मुआवजा दिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि आंकड़ों में विषमता को लेकर हम चिंतित नहीं हैं, बल्कि लोगों को राहत मिलनी चाहिए, यह हमारे लिए प्राथमिकता है.

केंद्र सरकार ने घोषणा कर रखी है कि कोरोना से हुई मौत पर प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. क्लेम करने वाले परिवारों को कोविड से हुई मौत का प्रमाण पत्र सौंपना होगा. यहां यह भी जानना जरूरी है कि आंकड़ों में अंतर के पीछे की वजह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है.

कोर्ट के अनुसार कोविड पॉजिटिव होने के 30 दिनों के अंदर अगर किसी व्यक्ति ने आत्महत्या भी कर ली है, तो वह मुआवजा पाने का हकदार है, उसे कोविड से हुई मौत ही माना जाएगा. अगर उसकी मौत अस्पताल के बाहर हुई है, तो भी उसका परिवार मुआवजा पाने का हकदार है. कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि लोग मुआवजा के लिए दावा पेश करने सामने आएं, इसके लिए जरूरी है कि सरकार मीडिया के जरिए इस संदेश को गांव के स्तर तक प्रचारित करे.

ये भी पढ़ें : ओमीक्रोन के सब वैरिएंट BA.2 ने बढ़ाई चिंता, फरवरी तक आ सकती है एक और लहर

Last Updated : Jan 24, 2022, 9:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.