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दिल्ली में रविदास मंदिर निर्माण के लिए भूमि आवंटन का खर्च उठाने को तैयार : चन्नी - रविदास मंदिर दिल्ली पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने कहा कि उनकी सरकार नई दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास मंदिर (Guru Ravidas Temple in Tughlakabad, Delhi) के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का पूरा खर्च (Full cost of land acquisition) उठाने को तैयार है.

Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
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Published : Jan 4, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 7:28 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने कहा कि दिल्ली में रविदास मंदिर (Guru Ravidas Temple in Tughlakabad, Delhi) निर्माण के लिए भूमि आवंटन का खर्च उठाने (Full cost of land acquisition) को तैयार है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को अगस्त 2019 में ध्वस्त कर दिया गया था लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने मंदिर के पुनर्निर्माण की अनुमति दे दी. भक्तों का कहना है कि सिकंदर लोदी के शासनकाल के दौरान 1509 में गुरु रविदास ने इस स्थान का दौरा किया था.

चन्नी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमारवाला जौहर तुगलकाबाद समिति को एक आधिकारिक बयान के अनुसार 400 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि यह राशि काफी अधिक थी इसलिए उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे राज्य सरकार से अपेक्षित योगदान (Expected contribution from state government) मांगने के लिए संपर्क किया था.

पंजाब सरकार पहले से ही सभी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए गुरु रविदास की विचारधारा का पालन कर रही है, इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि अगर समिति तुगलकाबाद में मंदिर निर्माण के लिए जमीन की खरीद का पूरा खर्च वहन करेगी.

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा (Chief Minister Channi said) कि यदि समिति उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार को सेवा प्रदान करना चाहती है तो वह सबसे ज्यादा भाग्यशाली और धन्य होंगे. इस भाव को पंजाब सरकार द्वारा गुरु रविदास को एक विनम्र श्रद्धांजलि बताते हुए चन्नी ने कहा कि गुरु रविदास ने समानता और सद्भाव के लोकाचार के माध्यम से सामाजिक जागृति लाने के लिए अथक प्रयास किए.

यह भी पढ़ें- भाषा की शालीनता, शब्दों के अनुशासन के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करें : उपराष्ट्रपति नायडू

संपूर्ण मानव जाति के लिए ज्ञान, आस्था और विद्या के भंडार, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल गुरु रविदास की 'बानी' का जिक्र करते हुए चन्नी ने कहा कि आने वाले समय में महान गुरु की गौरवशाली विरासत को पीढ़ियों तक कायम रखना राज्य सरकार का नैतिक कर्तव्य है.

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने कहा कि दिल्ली में रविदास मंदिर (Guru Ravidas Temple in Tughlakabad, Delhi) निर्माण के लिए भूमि आवंटन का खर्च उठाने (Full cost of land acquisition) को तैयार है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को अगस्त 2019 में ध्वस्त कर दिया गया था लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने मंदिर के पुनर्निर्माण की अनुमति दे दी. भक्तों का कहना है कि सिकंदर लोदी के शासनकाल के दौरान 1509 में गुरु रविदास ने इस स्थान का दौरा किया था.

चन्नी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमारवाला जौहर तुगलकाबाद समिति को एक आधिकारिक बयान के अनुसार 400 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि यह राशि काफी अधिक थी इसलिए उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे राज्य सरकार से अपेक्षित योगदान (Expected contribution from state government) मांगने के लिए संपर्क किया था.

पंजाब सरकार पहले से ही सभी की भलाई सुनिश्चित करने के लिए गुरु रविदास की विचारधारा का पालन कर रही है, इसलिए अब यह निर्णय लिया गया है कि अगर समिति तुगलकाबाद में मंदिर निर्माण के लिए जमीन की खरीद का पूरा खर्च वहन करेगी.

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा (Chief Minister Channi said) कि यदि समिति उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार को सेवा प्रदान करना चाहती है तो वह सबसे ज्यादा भाग्यशाली और धन्य होंगे. इस भाव को पंजाब सरकार द्वारा गुरु रविदास को एक विनम्र श्रद्धांजलि बताते हुए चन्नी ने कहा कि गुरु रविदास ने समानता और सद्भाव के लोकाचार के माध्यम से सामाजिक जागृति लाने के लिए अथक प्रयास किए.

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संपूर्ण मानव जाति के लिए ज्ञान, आस्था और विद्या के भंडार, पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल गुरु रविदास की 'बानी' का जिक्र करते हुए चन्नी ने कहा कि आने वाले समय में महान गुरु की गौरवशाली विरासत को पीढ़ियों तक कायम रखना राज्य सरकार का नैतिक कर्तव्य है.

Last Updated : Jan 4, 2022, 7:28 PM IST
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