ETV Bharat / bharat

जम्मू एयर फोर्स स्टेशन विस्फोट मामला : आरडीएक्स का किया गया इस्तेमाल

author img

By

Published : Jun 28, 2021, 10:34 PM IST

जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले में नई-नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है. सूत्रों ने बताया है कि हमले में आरडीएक्स के भी इस्तेमाल होने के संकेत मिले हैं. हालांकि, इस बारे में अंतिम पुष्टि होने का इंतजार है.

etv bharat
जम्मू एयर फोर्स स्टेशन

जम्मू : जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार देर रात ड्रोन से किए गए बम हमले को लेकर हुई शुरुआती जांच में आरडीएक्स समेत अन्य रसायनों के मिश्रण का इस्तेमाल करने के संकेत मिले हैं. जांचकर्ता अभी भी ड्रोन के वायु मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन में किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम समेत अन्य जांच दल मौके पर मौजूद बारीक से बारीक साक्ष्य को एकत्र कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ड्रोन द्वारा गिराई गई विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स और अन्य रसायनों का मिश्रण का उपयोग कर बनायी गई हो सकती है. हालांकि, इस बारे में अंतिम पुष्टि होने का इंतजार है.

अधिकारियों ने कहा कि विस्फोटक सामग्री का अध्ययन करने के लिए एनएसजी की विस्फोट के बाद विश्लेषण करने वाली टीम को वायुसेना स्टेशन भेजा गया है. उन्होंने कहा कि यह टीम अपने निष्कर्षों को जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए के साथ साझा करेगी.

पाकिस्तानी आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ, जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ. इस विस्फोट में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए. पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ.

सूत्रों ने कहा कि जांच जारी है. हालांकि, टीमें अभी भी यह सुराग खंगाल रही हैं कि बम गिराने के लिए ड्रोन ने किस मार्ग का उपयोग किया.

इस बीच, सोमवार को दूसरे दिन भी विभिन्न जांच एजेंसियों के अलावा सेना, पुलिस एवं अन्य जांच एजेंसिंयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वायुसेना स्टेशन का दौरा किया.

जम्मू- कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने इसे आतंकी घटना करार देते हुए कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियां हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए साथ मिलकर काम कर रही हैं.

अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने हवाई अड्डे की चारदीवारी पर लगे कैमरों सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाली है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से आए थे ? हालांकि सभी सीसीटीवी कैमरे सड़क किनारे लगे थे.

अधिकारियों ने बताया कि दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती इलाकों में तैनात रडार द्वारा ड्रोन का पता नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने संकेत दिया कि एक अलग रडार प्रणाली लगाई जा सकती है जो एक पक्षी के रूप में छोटे ड्रोन का भी पता लगा सकती है.

अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन ने विस्फोटक सामग्री गिराई और रात के दौरान या तो सीमा पार या किसी अन्य स्थान चले गए. जम्मू हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है.

ये भी पढ़ें : ड्रोन: भारत के लिए समस्या भी और समाधान भी

ये भी पढ़ें : पाकिस्तान से सटी सीमा पर पिछले दो सालों में 300 से अधिक ड्रोन देखे गए : रिपोर्ट

जम्मू : जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार देर रात ड्रोन से किए गए बम हमले को लेकर हुई शुरुआती जांच में आरडीएक्स समेत अन्य रसायनों के मिश्रण का इस्तेमाल करने के संकेत मिले हैं. जांचकर्ता अभी भी ड्रोन के वायु मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डा परिसर स्थित वायुसेना स्टेशन में किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम समेत अन्य जांच दल मौके पर मौजूद बारीक से बारीक साक्ष्य को एकत्र कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ड्रोन द्वारा गिराई गई विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स और अन्य रसायनों का मिश्रण का उपयोग कर बनायी गई हो सकती है. हालांकि, इस बारे में अंतिम पुष्टि होने का इंतजार है.

अधिकारियों ने कहा कि विस्फोटक सामग्री का अध्ययन करने के लिए एनएसजी की विस्फोट के बाद विश्लेषण करने वाली टीम को वायुसेना स्टेशन भेजा गया है. उन्होंने कहा कि यह टीम अपने निष्कर्षों को जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए के साथ साझा करेगी.

पाकिस्तानी आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ, जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ. इस विस्फोट में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए. पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ.

सूत्रों ने कहा कि जांच जारी है. हालांकि, टीमें अभी भी यह सुराग खंगाल रही हैं कि बम गिराने के लिए ड्रोन ने किस मार्ग का उपयोग किया.

इस बीच, सोमवार को दूसरे दिन भी विभिन्न जांच एजेंसियों के अलावा सेना, पुलिस एवं अन्य जांच एजेंसिंयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वायुसेना स्टेशन का दौरा किया.

जम्मू- कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने इसे आतंकी घटना करार देते हुए कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियां हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए साथ मिलकर काम कर रही हैं.

अधिकारियों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने हवाई अड्डे की चारदीवारी पर लगे कैमरों सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाली है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से आए थे ? हालांकि सभी सीसीटीवी कैमरे सड़क किनारे लगे थे.

अधिकारियों ने बताया कि दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती इलाकों में तैनात रडार द्वारा ड्रोन का पता नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने संकेत दिया कि एक अलग रडार प्रणाली लगाई जा सकती है जो एक पक्षी के रूप में छोटे ड्रोन का भी पता लगा सकती है.

अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन ने विस्फोटक सामग्री गिराई और रात के दौरान या तो सीमा पार या किसी अन्य स्थान चले गए. जम्मू हवाई अड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है.

ये भी पढ़ें : ड्रोन: भारत के लिए समस्या भी और समाधान भी

ये भी पढ़ें : पाकिस्तान से सटी सीमा पर पिछले दो सालों में 300 से अधिक ड्रोन देखे गए : रिपोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.