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RBI ने ऑडिट इकाई हरिभक्ति एंड कंपनी पर दो साल का प्रतिबंध लगाया - banned from undertaking any type of audit assignments for regulated entities

RBI ने मंगलवार को अपने एक बयान में बताया कि उसने ऑडिट इकाई हरिभक्ति एंड कंपनी पर दो साल का प्रतिबंध लगाया है. कंपनी पर एक अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाली दो साल की अवधि में विनियमित इकाइयों के लिए किसी भी प्रकार का ऑडिट से जुड़ा काम करने पर रोक लगाई गई है. पढ़ें पूरी खबर...

भारतीय रिजर्व बैंक
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Published : Oct 12, 2021, 6:21 PM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने मंगलवार को ऑडिट कंपनी हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी (Chartered accountant firm Haribhakti & Co LLP) को एक अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाली दो साल की अवधि में विनियमित इकाइयों (Regulated entities) के लिए किसी भी प्रकार का ऑडिट से जुड़ा काम करने से प्रतिबंधित कर दिया.

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने रिजर्व बैंक द्वारा व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company - NBFC) के वैधानिक ऑडिट के संबंध में जारी एक विशिष्ट निर्देश का पालन न करने के लिए कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई की है.

यह पहली बार है कि रिजर्व बैंक ने किसी व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण NBFC के ऑडिटर के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की है.

बयान के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45MAA के तहत निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, 23 सितंबर, 2021 के एक आदेश द्वारा, मेसर्स हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (आईसीएआई कंपनी पंजीकरण संख्या 103523डब्ल्यू/ डब्ल्यू100048) को एक अप्रैल, 2022 से दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किसी भी इकाई में किसी भी प्रकार का ऑडिट संबंधी काम करने से प्रतिबंधित कर दिया है."

पढ़ें : आरबीआई ने श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस, श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस के निदेशक मंडल को हटाया

हालांकि यह वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी के ऑडिट संबंधी काम को प्रभावित नहीं करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने मंगलवार को ऑडिट कंपनी हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी (Chartered accountant firm Haribhakti & Co LLP) को एक अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाली दो साल की अवधि में विनियमित इकाइयों (Regulated entities) के लिए किसी भी प्रकार का ऑडिट से जुड़ा काम करने से प्रतिबंधित कर दिया.

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने रिजर्व बैंक द्वारा व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company - NBFC) के वैधानिक ऑडिट के संबंध में जारी एक विशिष्ट निर्देश का पालन न करने के लिए कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई की है.

यह पहली बार है कि रिजर्व बैंक ने किसी व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण NBFC के ऑडिटर के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की है.

बयान के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45MAA के तहत निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, 23 सितंबर, 2021 के एक आदेश द्वारा, मेसर्स हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (आईसीएआई कंपनी पंजीकरण संख्या 103523डब्ल्यू/ डब्ल्यू100048) को एक अप्रैल, 2022 से दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किसी भी इकाई में किसी भी प्रकार का ऑडिट संबंधी काम करने से प्रतिबंधित कर दिया है."

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हालांकि यह वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं में हरिभक्ति एंड कंपनी एलएलपी के ऑडिट संबंधी काम को प्रभावित नहीं करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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