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नरेंद्र गिरि सुसाइड केस को लेकर रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना, FIR वापस लेने को बताया साजिश - नरेंद्र गिरि की मौत साजिश

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना हो गए हैं. उनका आरोप है कि महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में पैसा लेकर संतों ने केस वापस लिया है. साथ ही उन्होंने केस वापस लेने को साजिश बताया है.

Akhara Parishad President Ravindra Puri
रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना
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Published : Aug 12, 2022, 10:13 AM IST

हरिद्वारः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि का मौत का मामला फिर से सुर्खियों में है. नरेंद्र गिरि के मौत के मामले (Narendra Giri Death Case) में मुख्य आरोपी आनंद गिरि के नाम से दर्ज एक मुकदमे को वापस ले लिया गया है. जिसे लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज अचंभित हैं. एफआईआर क्यों वापस ली गई? इसकी जानकारी लेने रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना हो गए हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज (Akhara Parishad President Ravindra Puri) का कहना है कि मामले में हमारे दो संतों ने मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने एफआईआर वापस ले ली है. अभी उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वो तत्काल प्रयागराज (Ravindra Puri leaves for Prayagraj) जा रहे हैं. जहां वे खुद जानकारी जुटाएंगे कि क्यों एफआईआर वापस ली गई? उन्होंने कहा कि हमारे इतने बड़े महाराज की हत्या हुई है और मामला सभी के सामने हैं. ऐसे में एफआईआर वापस लेने का कोई मतलब नहीं है.

रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना

रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि उन संतों को एफआईआर वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में वो खुद प्रयागराज जा रहे हैं. जहां वे उन संतों से पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और उसके पीछे क्या चाल है? किसका हाथ है और क्या साजिश है? यह सब वो जांचेंगे. उनका मानना है कि वहां पर कुछ लोग आरोपी आनंद गिरि को छुड़ाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा. कानून अपना कार्य करेगा. एफआईआर वापस लेने से कुछ नहीं होगा. जिन संतों ने ऐसा काम किया है, उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः ETV BHARAT के पास महंत नरेंद्र गिरि का 13 पन्ने का सुसाइड नोट, जानिए क्या लिखा है?

उन्होंने कहा कि बेल के समय में ही एफआईआर वापस ली गई है. इसका मतलब इन लोगों को पैसा दिया गया है. उनका आरोप है कि ये लोग पैसा लेकर एफआईआर वापस ले रहे हैं. नरेंद्र गिरि के सुसाइड में किसका हाथ था, उसकी सीबीआई जांच हो रही है, लेकिन संतों ने केस वापस ले लिया है. ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई कि अखाड़े का कोई संत एफआईआर वापस ले.

क्या था मामला? बता दें कि बीते साल 20 सितंबर को प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. उनका शव फांसी के फंदे से लटकता पाया गया था. अल्लापुर स्थित बाघंबरी गद्दी के कमरे से उनका शव फंदे (Narendra Giri Suicide Case) से झूलता मिला था. सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई की चार्जशीट में तीनों के खिलाफ साजिश रचने के साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. तीनों आरोपियों के खिलाफ 306 और 120बी के आरोपों के तहत मामला चल रहा है.

हरिद्वारः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि का मौत का मामला फिर से सुर्खियों में है. नरेंद्र गिरि के मौत के मामले (Narendra Giri Death Case) में मुख्य आरोपी आनंद गिरि के नाम से दर्ज एक मुकदमे को वापस ले लिया गया है. जिसे लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज अचंभित हैं. एफआईआर क्यों वापस ली गई? इसकी जानकारी लेने रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना हो गए हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज (Akhara Parishad President Ravindra Puri) का कहना है कि मामले में हमारे दो संतों ने मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने एफआईआर वापस ले ली है. अभी उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वो तत्काल प्रयागराज (Ravindra Puri leaves for Prayagraj) जा रहे हैं. जहां वे खुद जानकारी जुटाएंगे कि क्यों एफआईआर वापस ली गई? उन्होंने कहा कि हमारे इतने बड़े महाराज की हत्या हुई है और मामला सभी के सामने हैं. ऐसे में एफआईआर वापस लेने का कोई मतलब नहीं है.

रविंद्र पुरी प्रयागराज रवाना

रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि उन संतों को एफआईआर वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में वो खुद प्रयागराज जा रहे हैं. जहां वे उन संतों से पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और उसके पीछे क्या चाल है? किसका हाथ है और क्या साजिश है? यह सब वो जांचेंगे. उनका मानना है कि वहां पर कुछ लोग आरोपी आनंद गिरि को छुड़ाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा. कानून अपना कार्य करेगा. एफआईआर वापस लेने से कुछ नहीं होगा. जिन संतों ने ऐसा काम किया है, उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि बेल के समय में ही एफआईआर वापस ली गई है. इसका मतलब इन लोगों को पैसा दिया गया है. उनका आरोप है कि ये लोग पैसा लेकर एफआईआर वापस ले रहे हैं. नरेंद्र गिरि के सुसाइड में किसका हाथ था, उसकी सीबीआई जांच हो रही है, लेकिन संतों ने केस वापस ले लिया है. ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई कि अखाड़े का कोई संत एफआईआर वापस ले.

क्या था मामला? बता दें कि बीते साल 20 सितंबर को प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. उनका शव फांसी के फंदे से लटकता पाया गया था. अल्लापुर स्थित बाघंबरी गद्दी के कमरे से उनका शव फंदे (Narendra Giri Suicide Case) से झूलता मिला था. सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई की चार्जशीट में तीनों के खिलाफ साजिश रचने के साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. तीनों आरोपियों के खिलाफ 306 और 120बी के आरोपों के तहत मामला चल रहा है.

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