गुवाहाटी : असम में मंगलवार को चाय की एक दुर्लभ किस्म (rare variety of Assam tea) की निलामी हुई. चौंकाने वाली बात है नीलामी के दौरान चाय की इस किस्म की बोली प्रति किलोग्राम तकरीबन एक लाख रुपये लगाई गई. गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र (जीटीएसी) के सचिव दिनेश बिहानी (Secretary of the Gauhati Tea Auction Centre (GTAC) Dinesh Bihani) ने यह जानकारी दी.
दिनेश बिहानी ने बताया कि इसके साथ ही मनोहरी गोल्ड टी (Manohari Gold tea) ने अपने ही पुराने रिकार्ड को तोड़ दिया. बता दें कि पिछले साल मनोहरी गोल्ड टी (Manohari Gold tea) की निलामी 75 हजार रुपये प्रति किलो हुई थी.
बिहानी ने बताया कि गोल्ड टी की नीलामी में सौरव टी ट्रेडर्स ने सर्वाधिक 99,999 रुपये प्रति किलोग्राम की बोली लगाकर खरीदा.
बिहानी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि विदेशी खरीदार भी इन भारतीय विशिष्ट चाय को पसंद करेंगे और अधिक से अधिक विक्रेता साथ आए और इस विशेष चाय को खरीदेंगे. बिहानी ने कहा कि मैं भारत को विशेष चाय का केंद्र बनाने का आग्रह करता हूं.
चाय की यह बिक्री इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि असम में चाय उद्योग ( tea industry in Assam) चुनौतियों का समाना कर रहा है, जबकि असम में विभिन्न चाय बागानों द्वारा उत्पादित विशेष चाय कीमतों के कारण बैक टू बैक रिकॉर्ड बना रही है.
भारतीय चाय संघ (आईटीए) ने हाल ही में राज्य और केंद्र सरकार से कम से कम पांच क्षेत्रों के लिए चाय क्षेत्रों के विस्तार पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है. इसके साथ ही मांग की है कि सरकार कम से कम तीन साल के लिए श्रमिकों के लिए भविष्य निधि (पीएफ) योगदान दे रहे.
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पिछले साल आईटीए ने समाचार पत्रों के विज्ञापनों के माध्यम से एक सार्वजनिक अपील की थी. आईटीए ने कहा था कि चाय उद्योग संकट में है. इस उद्योग में लगे लाखों कर्मचारियों के रोजगार छीन सकते हैं. अपील में कहा गया था कि चाय की औसत बिक्री मूल्य लगभग स्थिर है, उत्पादन की औसत लागत बढ़ रही है जिससे बागानों को नुकसान हो रहा है.
गौरतलब है कि असम में 850 से अधिक छोटे, मध्यम और बड़े चाय बागान हैं. भारत का पूर्वोत्तर राज्य दुनिया में सबसे अधिक मात्रा में चाय का उत्पादन करने के लिए भी जाना जाता है और यह हर साल 650 मिलियन किलोग्राम से अधिक चाय का उत्पादन करता है, जो भारत के कुल चाय उत्पादन का लगभग 52 प्रतिशत है.