चेन्नई : तमिलनाडु के नीलगिरी वन क्षेत्र (Nilgiri Forest Area) में शुक्रवार को अल्बिनो प्रजाति का दुर्लभ सांप देखा गया, जिसके शरीर पर धारियां बनी थी और सिर सिकुड़ा हुआ था. दक्षिणी पश्चिमी घाट ( Southern Western Ghats) के शोलूर गांव में जब यह विचित्र सांप नजर आया तो लोग भी चौंक गए. उन्होंने डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर को इसके बारे में जानकारी दी. वन अधिकारियों के निर्देश पर गांव के लोग सांप को लेकर ऊटी गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज पहुंच गए. इसके बाद वाइल्ड लाइफ रिसर्चर्स की टीम ने उसकी पहचान की. रिसर्चर भी 'अल्बिनो प्रजाति' के इस सांप को देखकर हैरत में पड़ गए.
सांपों के बारे में रिसर्च करने वालों का कहना है कि ऐल्बिनिज़म वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी जीव की त्वचा सफेद हो जाती है. ऐल्बिनिज़म एक आनुवंशिक विकार भी है. उनका कहना है कि ये सांप भी इस विकार का शिकार हो रहे हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि जंगल की कटाई होने के कारण जंगली जीव जंतु अलग-थलग पड़ गए हैं. उनका कुनबा भी इस कारण बिखर रहा है. अब जीव जंतु अपने ही सीमित कुनबे में इनब्रीडिंग के लिए मजबूर हो रहे हैं. शोलूर गांव में पकड़े गए सांप की प्रजाति केरल और तमिलनाडु के पश्चिम घाट में 1500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाए जाते हैं. हालांकि इस प्रजाति पर बहुत कम अध्ययन किया गया है.
अल्बिनो प्रजाति के सांप विषैले नहीं होते हैं और वह अक्सर मिट्टी, चट्टानों और पत्तियों की दरारों में रहते हैं. केंचुआ और छोटे जीव इनके आहार हैं. सांपों के बारे में जानकारी रखने वाले तिरुवरूर के सहायक प्रोफेसर पी. कन्नन ने कहा कि अल्बिनो प्रजाति भारत के पश्चिमी घाटों में ही पाए जाते हैं. इसका सिर छोटा और नाक थोड़ा नुकीली होती है. ये गीले क्षेत्रों, चाय बागानों और कभी-कभी मानव बस्तियों में पाए जाते हैं. यह सांप दुर्लभ कैटिगरी में आता है. इस बीच वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने सरकार से वन्यजीवों की रक्षा करने का आग्रह किया है। वन्यजीव कार्यकर्ता और वनम ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संस्थापक वनम चंद्रशेखर ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि नीलगिरी में सांप की ऐसी प्रजाति पाई गई है. अभी भी पश्चिमी घाट में और अधिक अनदेखे प्रजातियों के होने की संभावना है. उनका मानना है कि ऐसे छोटे सिर वाले सांपों के बारे में स्टडी की आवश्यकता है. नीलगिरी के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर भोसले सचिन तुकाराम का कहना कि अल्बिनो प्रजाति का सांप स्वस्थ था. स्टडी के बाद उसे वन क्षेत्र में वापस छोड़ दिया गया.
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