रांची : धरती का भगवान डॉक्टर को कहते हैं, लेकिन आज इलाज के नाम पर गरीब जनता को लूटा जा रहा है. पैसा है तभी बेहतर इलाज संभव है. लेकिन राजधानी रांची में एक ऐसे डॉक्टर हैं, जो गरीबों के लिए देवता से कम नहीं हैं. डॉक्टर का नाम एसपी मुखर्जी है, जिनकी फीस पांच रुपये से 50 रुपये के बीच है.
वर्ष 1935 में बिहार की राजधानी पटना के सब्जी बाग में जन्में एसपी मुखर्जी आज रांची में मरीजों की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं. इसी सेवा की वजह से वर्ष 2019 में पद्मश्री से पुरस्कृत किए गए थे.
रिम्स के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष पद से रिटायर
डॉ. एसपी मुखर्जी वर्ष 1957 में पटना स्थित पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद से मरीजों की सेवा में लग गए. उन्होंने वर्ष 1959 से 1962 तक आरा के सदर अस्पताल में सेवा दी. इसके बाद वर्ष 1962 से 1966 तक दरभंगा मेडिकल कॉलेज में पदस्थापित रहे. वर्ष 1966 से 1996 तक रांची के रिम्स में सेवा दी और पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष बनकर रिटायर हुए.
वर्ष 2019 तक था पांच रुपया फीस
सेवानिवृत्त होने के बाद भी डॉ. मुखर्जी ने मरीजों की सेवा करना बंद नहीं किया. लालपुर में अपना क्लीनिक खोला और लगातार मरीजों की सेवा कर रहे हैं. वर्ष 2019 तक मरीजों को देखने के लिए मात्र पांच रुपये ही फीस लेते थे, लेकिन पिछले 2 वर्षों से उन्होंने अपनी फीस बढ़ाकर 50 रुपये किया है.
मामूली खर्च में करते हैं इलाज
डॉक्टर मुखर्जी से इलाज कराने आए राज कुमार पोद्दार बताते हैं कि आज कल डॉक्टरों का फीस हजार रुपये से कम किसी का नहीं है. डॉ. मुखर्जी सिर्फ 50 रुपये में इलाज कर रहे हैं. उनके लैब में जांच भी मामूली पैसे में हो जाती है. मरीज रामाधार सिंह बताते हैं हम वर्ष 1966 से डॉक्टर मुखर्जी को जान रहे हैं, तभी से अपने परिवार और रिश्तेदार में कोई बीमार होता है, तो डॉ. मुखर्जी के पास ही इलाज के लिए पहुंचते हैं.
गरीब मरीजों के लिए देवता
मरीज देवंती देवी कहती हैं कि मामूली बीमारी के इलाज के लिए किसी हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं, तो पचास हजार से एक लाख तक खर्च हो जाता है. लेकिन डॉ. मुखर्जी ही ऐसे डॉक्टर हैं, जो 50 रुपये में मरीज को ठीक कर देते हैं. वे कहती हैं कि डॉ. मुखर्जी गरीब मरीजों के लिए देवता हैं.
डॉ. मुखर्जी की अलग पहचान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य डॉ. शंभू प्रसाद सिंह कहते हैं कि डॉक्टरों के बीच एसपी मुखर्जी की एक अलग पहचान है. वह डॉक्टरों के सम्मान को आज भी बचाकर रखे हैं. डॉ. मुखर्जी मरीजों की सेवा बिना किसी लालच के कर रहे हैं.
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