बेंगलुरु : कन्नड़ अभिनेत्री से नेता बनीं राम्या गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पार्टी की केंपेन समिति के प्रमुख एमबी पाटिल के बीच चल रही जुबानी जंग में शामिल हो गईं. शिवकुमार और पाटिल के बीच मौखिक द्वंद दो दिन पूर्व शुरू हुआ जब राज्य कांग्रेस प्रमुख ने पाटिल पर कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण के साथ पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले के मुद्दे को दबाने के लिए "गुप्त बैठक" करने का आरोप लगाया.
मांड्या के पूर्व सांसद राम्या ने बुधवार को ट्वीट किया, "सभी दलों के लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, समारोह में जाते हैं, कुछ की शादी परिवारों में भी हो जाती है - मुझे आश्चर्य है कि @DKShivakumar @MBPatil के बारे में ऐसा कहेंगे जो एक कट्टर कांग्रेसी हैं. पार्टी एक यूनिट के रूप में चुनाव लड़ रही है? ट्वीट के बाद, "कांग्रेस ट्रोल्स" ने राम्या पर हमला करना शुरू कर दिया, यह कहते हुए कि वह (राम्या) उस व्यक्ति को भूल गई जिसने पार्टी में राजनीतिक रूप से उसे ऊपर उठाने में मदद की. उन्होंने उन पर 8 करोड़ रुपये की पार्टी का पैसा गबन करने का आरोप लगाया. हालांकि राम्या ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को बकवास करार दिया.
राम्या ने कहा "यदि कोई है जिसने मुझे अवसर दिए और मेरे साथ खड़ा रहा, तो वह @RahulGandhi है, जो दावा कर रहा है कि 'मुझे अवसर दिए वह एक अवसरवादी है. इन अवसरवादियों ने केवल मेरी पीठ में छुरा घोंपा है और मुझे दबाने की कोशिश की है. आप टीवी पर जो कुछ भी देखते हैं वह उसी की साजिश है. गबन के आरोप पर राम्या ने कहा कि स्टोरी कन्नड़ समाचार चैनलों में प्लांट कराई गई थी. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल से मीडिया में इसे स्पष्ट करने की अपील की. कर्नाटक की अपनी अगली यात्रा के दौरान, उन्होंने कहा कि वह इस दुर्व्यवहार और जीवन भर ट्रोलिंग के साथ नहीं रह सकतीं.
राम्या ने यूथ कांग्रेस कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद हारिस नलपद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद हत्या के मामले में जमानत पर है, वह उसकी ईमानदारी पर सवाल उठा रहा है. शिवकुमार हाल ही में सामने आए पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले को लेकर नारायण पर निशाना साध रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने परीक्षा में अच्छे अंक लाने और भर्ती होने के लिए एक रिश्तेदार का पक्ष लिया. हालांकि भ्रष्टाचार के बाद पीएसआई परीक्षा को रद्द कर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस ने केवल भाजपा सरकार पर इसे छिपाने का आरोप लगाते हुए हमला किया. इसी बीच शिवकुमार ने कहा कि अश्वथ नारायण ने पीएसआई घोटाले से संबंधित मुद्दे को अब और नहीं उठाने के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए गुप्त बैठक में बाबलेश्वर निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पाटिल के साथ एक डील की है. हालांकि दोनों नेताओं ने आरोपों को खारिज किया है परंतु शिवकुमार के आरोपों से पार्टी में हड़कंप मच गया. पार्टी के नेता इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं और कह रहे हैं कि शिवकुमार को पाटिल को विवाद में घसीटने से परहेज करना चाहिए क्योंकि पार्टी आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. इसके जवाब में पाटिल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है और इसे उचित मंच पर उठाएंगे.
यह भी पढ़ें-पीएसआई भर्ती घोटाला : सिद्धरमैया ने न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराने की मांग
पीटीआई