नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन में अब अंतरराष्ट्रीय महत्व के सबसे अधिक आर्द्रभूमि (वेटलैंड) हैं. रामसर की सूची में अब तक कुल 64 भारतीय साइटें शामिल हो चुकी हैं. रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करना और उसे बनाए रखना है. यह वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण और मानव जीवन को बनाए रखने के लिए, उनके पारिस्थितिक तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण हैं.
जिन 10 नई साइटों को जगह मिली है, उनमें तमिलनाडु में छह तथा गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा में एक-एक स्थल हैं. यह पूरे देश में 12,50,361 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है. मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इन साइटों को नामित करने से आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन और उनके संसाधनों के बेहतर उपयोग में मदद मिलेगी. अब, भारत चीन के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर है.
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Absolutely thrilled to inform that 10 more Indian wetlands have got Ramsar recognition as wetlands of international importance.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) August 3, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
This takes India’s tally of Ramsar sites to 64.
Special congratulations to Odisha, Goa, Tamil Nadu, Karnataka and Madhya Pradesh. pic.twitter.com/tGwbYLZFVd
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नई भारतीय आर्द्रभूमि जिन्हें यह प्रतिष्ठित टैग मिला है, वे हैं कोंथनकुलम पक्षी अभयारण्य, मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिजर्व, वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, वेलोड पक्षी अभयारण्य, वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य और तमिलनाडु में उदयमर्थनपुरम पक्षी अभयारण्य, ओडिशा में सतकोसिया गॉर्ज, गोवा में नंदा झील, कर्नाटक में रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य और मध्य प्रदेश में सिरपुर वेटलैंड.
अभी कुछ दिनों पहले ही तमिलनाडु के करिकीली पक्षी अभयारण्य, पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव, मध्य प्रदेश के साख्य सागर तथा मिजोरम की पाला आर्द्रभूमि को इस प्रतिष्ठित सूची में जगह मिली है. रामसर का नाम कैस्पियन सागर स्थित ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां दो फरवरी, 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे.
अधिकारियों के अनुसार, भारत स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष पर अपनी 75 आर्द्रभूमि के लिए रामसर टैग प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
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