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राम मंदिर में कमल दल पर कुछ ऐसे विराजमान हो सकते हैं रामलला, मॉडल स्वरूप पहुंचा अयोध्या

भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है. रामलला के नव्य मंदिर में बालक स्वरूप राम लला की अस्थाई मूर्ति की स्थापना होगी. बालक राम की मूर्ति रामलला के दर्शन मार्ग में अस्थाई मंदिर के पास रखी जाएगी ताकि श्रद्धालु उस मूर्ति का दर्शन कर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सके.

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राम मंदिर में कमल दल पर विराजमान हो सकते हैं रामलला, मूर्ति का मॉडल स्वरूप पहुंचा अयोध्या
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Published : Nov 9, 2022, 8:46 PM IST

अयोध्या: भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है. भगवान रामलला के नव्य मंदिर में बालक स्वरूप राम लला की अस्थाई मूर्ति की स्थापना होगी. कारसेवक पुरम में रखी हुई एक मूर्ति चर्चा का विषय है अगर सूत्रों की माने तो बालक राम की मूर्ति रामलला के दर्शन मार्ग में अस्थाई मंदिर के पास रखी जाएगी ताकि श्रद्धालु उस मूर्ति का दर्शन कर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सके. मूर्ति का स्वरूप बेहद खूबसूरत है. भगवान राम लला धनुष धारी रूप में बाल स्वरूप में कमल पर विराजमान हैं. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संकेत दिए हैं कि बालक राम की मूर्ति कमलदल पर सुशोभित अच्छी लगती है, लेकिन अगर सूत्रों की माने तो भगवान रामलला के मंदिर में लगने वाली मूर्ति कुछ इस मूर्ति से मिलती-जुलती होगी.

बेहद भव्य है कमल दल पर विराजमान राम की बाल स्वरूप प्रतिमा
भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के बाद स्थाई मूर्ति की स्थापना की जाएगी, जिसके बारे में ट्रस्ट के द्वारा गठित टीम मूर्ति के स्वरूप और आकार को लेकर मंथन कर रही है. लगभग 3 फुट से 4 फुट ऊंची बालक राम की प्रतिमा परिसर में लगाई जाएगी. इसका उद्देश्य होगा कि श्रद्धालु दूर से ही भगवान के चरणों से मस्तक का दर्शन आसानी से कर सकें. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह मूर्ति भगवान राम के प्रति राजस्थान के एक श्रद्धालु के समर्पण और श्रद्धा की प्रतीक है जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार किया. भगवान रामलला के बालक रूप कमल दल पर सवार मूर्ति लगभग सवा कुंटल वजन की है.मूर्ति का वजन बर्दाश्त करने वाली मजबूत इमेज बनने के बाद उस पर मूर्ति को रखा जाएगा.

भगवान राम की बाल स्वरूप की प्रतिमा.

राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तीसरी वर्षगांठ पर संतों ने बांटी मिठाई
राम नगरी में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में आए फैसले के 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस बीच भव्य मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है और माना जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक भगवान रामलला के मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. भगवान राम के मंदिर निर्माण का उत्साह श्रद्धालुओं में भी देखने को मिल रहा है. अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसको देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और अयोध्या प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर लगातार काम कर रहा है.राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला 9 नवंबर 2019 को आया था 3 वर्ष के अंतराल में लगभग 50% से ज्यादा भगवान रामलला का भव्य मंदिर बन चुका है. मंदिर निर्माण में भूतल के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है. अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर आए फैसले की वर्षगांठ के मौके पर संत समाज ने मिठाइयां बांटी और खुशियां मनाई है.

इसे भी पढे़ं- अयोध्या राम मंदिर निर्माण की तस्वीरें आई सामने, आप भी देखें

अयोध्या: भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है. भगवान रामलला के नव्य मंदिर में बालक स्वरूप राम लला की अस्थाई मूर्ति की स्थापना होगी. कारसेवक पुरम में रखी हुई एक मूर्ति चर्चा का विषय है अगर सूत्रों की माने तो बालक राम की मूर्ति रामलला के दर्शन मार्ग में अस्थाई मंदिर के पास रखी जाएगी ताकि श्रद्धालु उस मूर्ति का दर्शन कर अपनी स्वीकृति प्रदान कर सके. मूर्ति का स्वरूप बेहद खूबसूरत है. भगवान राम लला धनुष धारी रूप में बाल स्वरूप में कमल पर विराजमान हैं. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संकेत दिए हैं कि बालक राम की मूर्ति कमलदल पर सुशोभित अच्छी लगती है, लेकिन अगर सूत्रों की माने तो भगवान रामलला के मंदिर में लगने वाली मूर्ति कुछ इस मूर्ति से मिलती-जुलती होगी.

बेहद भव्य है कमल दल पर विराजमान राम की बाल स्वरूप प्रतिमा
भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के बाद स्थाई मूर्ति की स्थापना की जाएगी, जिसके बारे में ट्रस्ट के द्वारा गठित टीम मूर्ति के स्वरूप और आकार को लेकर मंथन कर रही है. लगभग 3 फुट से 4 फुट ऊंची बालक राम की प्रतिमा परिसर में लगाई जाएगी. इसका उद्देश्य होगा कि श्रद्धालु दूर से ही भगवान के चरणों से मस्तक का दर्शन आसानी से कर सकें. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह मूर्ति भगवान राम के प्रति राजस्थान के एक श्रद्धालु के समर्पण और श्रद्धा की प्रतीक है जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार किया. भगवान रामलला के बालक रूप कमल दल पर सवार मूर्ति लगभग सवा कुंटल वजन की है.मूर्ति का वजन बर्दाश्त करने वाली मजबूत इमेज बनने के बाद उस पर मूर्ति को रखा जाएगा.

भगवान राम की बाल स्वरूप की प्रतिमा.

राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तीसरी वर्षगांठ पर संतों ने बांटी मिठाई
राम नगरी में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में आए फैसले के 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इस बीच भव्य मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है और माना जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक भगवान रामलला के मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. भगवान राम के मंदिर निर्माण का उत्साह श्रद्धालुओं में भी देखने को मिल रहा है. अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसको देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और अयोध्या प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर लगातार काम कर रहा है.राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला 9 नवंबर 2019 को आया था 3 वर्ष के अंतराल में लगभग 50% से ज्यादा भगवान रामलला का भव्य मंदिर बन चुका है. मंदिर निर्माण में भूतल के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है. अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर आए फैसले की वर्षगांठ के मौके पर संत समाज ने मिठाइयां बांटी और खुशियां मनाई है.

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